कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत

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कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत भारतीय नौसेना की परियोजना 15ए के नाम से भी जानी जाती है जो कि प्रसिद्ध परियोजना 15 ‘दिल्ली’ के अनुवर्ती है जिन्हें नब्बे के दशक के अंत में सेवा में शामिल किया गया था। भारतीय नौसेना के नौसैनिक डिजाइन निदेशालय ने इन पोतों की परिकल्पना और डिजाइनिंग की है। इन पोतों का नामकरण भारत के प्रमुख बंदरगाह शहरों जैसे कोलकाता, कोच्चि और चेन्नई के नाम पर किया गया है।[१]

आईएनएस कोलकाता

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कोलकाता श्रेणी का प्रथम विध्वंसक पोत आईएनएस कोलकाता 16-अगस्त, 2014 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।[१]

आईएनएस कोलकाता की नींव 26 सितंबर 2003 को रखी गई थी और पोत का 30 मार्च 2006 को जलावतरण हुआ था। इसे भारत में अब तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है। इस जानदार पोत की लंबाई 164 मीटर और चौड़ाई तकरीबन 18 मीटर है। इसकी पूर्ण भार विस्थापन क्षमता 7400 टन है। इस पोत में संयुक्त गैस और गैस (सीओजीएजी) प्रणोदन प्रणाली लगी हुई है, जिसमें चार शक्तिशाली रिवर्सिबल गैस टर्बाइन लगी हुई हैं और यह 30 नॉट से भी ज्यादा गति हासिल कर सकता है। चार गैस टर्बाइन जनरेटरों और एक डीजल आल्टरनेटर से इस पोत को बिजली सुलभ होती है। ये सभी मिलकर 4.5 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं जो एक छोटे शहर को रोशन करने में सक्षम है। इस पोत पर 30 अधिकारी और 300 नाविक तैनात किए जा सकते हैं। यह पोत अत्यंत उत्कृष्ट अत्याधुनिक हथियारों और संवेदकों से लैस है, जिनमें लंबी दूरी तक भूमि से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) एवं एमएफ-स्टार बहु-गतिशील चरण वाला ऐरे रडार भी शामिल हैं। यह पोत उन्नत सुपरसोनिक और लंबी दूरी तक भूमि से भूमि तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से भी लैस है, जो भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है। स्वदेश निर्मित 76 एमएम सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) और एके 630 सीआईडब्ल्यूएस हवा और भूमि पर मौजूद लक्ष्यों पर निशाना साध सकते हैं। समस्त पनडुब्बी-रोधी हथियार और इसमें लगे संवेदक सेट समुद्र में जंग लड़ने के लिए स्वदेश में किए गए प्रयासों के अनुपम उदाहरण हैं, जिनमें स्वदेश निर्मित रॉकेट लांचर (आईआरएल), स्वदेश निर्मित ट्वीन-ट्यूब टॉरपीडो लांचर (आईटीटीएल) और नई पीढ़ी के एचयूएमएसए सोनार शामिल हैं। संवेदक सूट में अन्य उन्नत भूतल एवं वायु सर्विलांस रडार और स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं। एक अत्याधुनिक काम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस-15ए) को इस पोत में लगे हथियारों और संवेदकों से एकीकृत किया गया है। इस पोत में दो सीकिंग या चेतक हेलिकॉप्टरों का परिचालन करने की सुविधा है।[१]

आईएनएस कोच्चि

साँचा:main आई एन एस कोच्चि (INS Kochi) कोलकाता-श्रेणी विध्वंसक शृंखला का दूसरा जहाज है जिसे ३० सितम्बर २०१५ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।[२]


सन्दर्भ