भारतीय नौसेना पोत विराट

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INS Viraat (R22) Malabar 07.jpg
मालाबार सागर मे भारतीय नौसेना पोत विराट
कैरियर साँचा:navy साँचा:navy
नाम: भारतीय नौसेना पोत विराट
निर्माता: विकर्स-आर्म्स्ट्रॉन्ग
जलावतरण: १६ फरवरी, १९५३
सेवा शुरु: १८ नवंबर, १९५९
पुन: शुरु: मई, १९८७ (स>राजशाही से क्रय किया)
सेवा मुक्त: २०१९ (प्रत्याशित)[१]
सेवा से बाहर: ०६ मार्च २०१७
मरम्मत: अप्रैल, १९८६, जुलाई, १९९९
ध्येय: जयेमा साम युधि स्पर्धा (संस्कृत)
स्थिति: जुलाई, २००९ से पुनरोद्धाराधीन
सामान्य विशेषताएँ
वर्ग और प्रकार: सेंटौर श्रेणी वायुयान धारक
विस्थापन: २३,९०० टन मानक
२८,७०० टन पूर्ण भार पर
लम्बाई: साँचा:convert
चौड़ाई: साँचा:convert
कर्षण: साँचा:convert
प्रणोदन: २ x पार्सन भाप टर्बाइन; ४ बॉयलर ४०० psi, ७६,००० shp
गति: साँचा:convert
पंहुच: साँचा:convert at साँचा:convert
कर्मि-मण्डल: अधिकतम २,१००;
१,२०७ जहाज क्रू,
१४३ वायु क्रू
संवेदक और
संसाधन प्रणाली:
1 x बी.ई.एल./Signaal RAWL 02 वायु राडार
1 x RAWS 08 वायु/सतह राडार
2 x बी.ई.एल. रश्मि नौवहन राडार
1 x EL/M-2221 STGR अग्निशमन नियंत्रण राडार
1 x प्लेस्से प्रकार 904 राडार
1 x FT 13-S/M टैकन प्रणाली
सोनार:
1 x ग्रेसबाइ प्रकार 184M हल-आरोपित सोनार
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध
और लूभाव (फंदे):
1 x बी.ई.एल. अजंता ESM
डिकॉय:
2 x नीबवर्थ कोर्वस शैफ लॉन्चर्स
आयुध:

2 x 40मि.मी बोफोर्स AA तोप

16 x बराक एस.ए.एम वीएल सेल्स
जहाज़ पर विमान:

३० तक
सामान्यतः २८ यान,

  • सी हैरियर्स Mk.51 तथा Mk.52 सहित
  • वेस्टलैंड सी किंग Mk.42
  • एच.ए.एल चेतक
  • एच.ए.एल ध्रुव सहित

साँचा:navbox भारतीय नौसेना पोत विराट (आई एन एस विराट) भारतीय नौसेना में सेंतौर श्रेणी का एक वायुयान वाहक पोत है। भारतीय सेना की अग्रिम पंक्ति (फ़्लेगशिप) का यह पोत लंबे समय से सेना की सेवा में है। १९९७ में भारतीय नौसेना पोत विक्रांत के सेवामुक्त कर दिए जाने के बाद इसी ने विक्रांत के रिक्त स्थान की पूर्ति की थी। इस समय यह हिंद महासागर में उपस्थित दो वायुयान वाहक पोतों में से एक है।

इस पोत ने सन १९५९ रायल नेवी (ब्रिटिश नौसेना) के लिये कार्य करना शुरु किया एवं १९८५ तक वहाँ सक्रिय रहा। इस का प्रथम नाम एच एम एस हर्मस था। तदपश्चात १९८६ मे भारतीय नौसेना ने कई देशो के युद्ध पोतों की समीक्षा करने के बाद इसे रॉयल नेवी से खरीद लिया। इस सौदे के बाद इस पोत मे कई तकनीकी सुधार किये गए जिससे इसे अगले एक दशक तक कार्यशील रखा जा सके। ये तकनीकी सुधार एवं रखरखाव देवेनपोर्ट डॉकयार्ड पर हुए। १२ मई १९८७ को इसे भारतीय नौसेना में आधिकारिक रूप से सम्मलित कर लिया गया।

विराट पर १२ डिग्री कोण वाला एक स्की जंप लगा है जो सी हैरीयर श्रेणी के लड़ाकु वायुयानों के उड़ान भरने में कारगर होता है।[२] इस पोत पर एक साथ १८ लड़ाकू वायुयान रखे जा सकते है। पोत के बाहरी आवरण, मशीनों एवं मेगजीनों (तोप एवं अन्य शस्रगृह) को १.२ इंच मोटे कवच से बख्तर बंद किया गया है। यह मेगजीनें ८० से भी अधिक हल्के तॉरपीडो का एक बार मे भंडार कर सकती है। पोत पर ७५० लोगों के रहने की जगह तो है ही, चार छोटी नावें (लेंडिंग क्राफ़्ट) भी है जो पोत से तट तक सैनिकों को ले जा सकती हैं।[३] पनडुब्बी की खबर रखने के लिए इसे सी किंग हैलीकॉप्टर से लैस किया जायेगा। इस पोत का अधिकतम जल विस्थापन क्षमता २८,५०० टन है तथा इसके भार को खींचने के लिये ७६,००० हार्स पावर क्षमता वाली भाप से चलने वली टरबाईन लगायी गई है।[४] भारतीय नौसेना का नया वायुयान वाहक पोत विक्रमादित्य, विराट का उत्तराधिकारी है। इसे २०१२ से सेवा में ले लिया गया है। हाल मे हुये रखरखाव को देखते हुए विराट का सेवा काल २०१९ तक बढ़ा दिया गया है जो पहले २०१२ तक तय किया गया था।

विविध

  • विराट पर एक समाचार पत्र भी छपता है जिस का नाम विराट टाइम्स है।[५]

सन्दर्भ

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चित्र दीर्घा

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  5. जहाज पर छपने वाला अनोखा अखबार (हिंदी)साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]