कैफ़ भोपाली

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कैफ़ भोपाली
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मृत्यु स्थान/समाधिसाँचा:br separated entries
व्यवसायशायर,गीतकार, कवि
राष्ट्रीयताभारतीय
विधागज़ल, उर्दू शायरी
विषयप्यार, दर्शन

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कैफ़ भोपाली (साँचा:lang-ur) एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो....." से लोकप्रिय हुए।[१][२]

करियर

कैफ़ भोपाली ने कई हिंदी फिल्मों में गीत लिखे, किन्तु 1972 में बनी पाक़ीज़ा उनकी यादगार फिल्म रही। इस फिल्म के लगभग सभी गाने लोकप्रिय हुए, जैसे "तीरे नज़र..", "चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो...." आदि।[३]

सत्तर-अस्सी के दशक में वे लगातार मुशायरों की जान बने रहे। उन्होंने कई प्रसिद्ध गज़लें कही है, जैसे "तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है", झूम के जब रिन्दों ने पिला दी आदि जिसे आवाज़ दी है जगजीत सिंह ने।[४]कमाल अमरोही की एक और फिल्म रज़िया सुल्तान में उनके द्वारा लिखा एक गाना "ऐ खुदा शुक्र तेरा...." काफी लोकप्रिय हुआ। उनकी पुत्री "परवीन कैफ़" भी उर्दू की मशहूर शायरा हैं।

फिल्मोग्राफी

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
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  4. साँचा:cite news

बाहरी कड़ियाँ