के राधाकृष्णन
के. राधाकृष्णन | |
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डॉ॰ के राधाकृष्णन | |
जन्म |
साँचा:birth date and age केरल, भारत |
आवास | साँचा:flag भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
क्षेत्र | अंतरिक्ष अनुसंधान |
संस्थान | वीएसएससी, इसरो |
शिक्षा |
आईआईटी, खड़गपुर (पीएचडी, 2000) आईआईएम, बैंगलोर (पीजीडीएम, 1976) इंजीनियरिंग कालेज, त्रिवेंद्रम (बीएससी इंजी., 1970) |
प्रसिद्धि | चंद्रयान मिशन, मंगलयान |
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष
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पूर्वा धिकारी | डॉ॰ जी माधवन नायर |
उत्तरा धिकारी | ए एस किरण कुमार[१] |
साँचा:center |
डॉक्टर के. राधाकृष्णन (जन्म-29 अगस्त 1949) एक प्रमुख एवं प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक हैं तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में इसरो ने मंगलयान को प्रथम प्रयास में ही मंगल तक पहुँचाने का करिश्मा कर दिखाया।[२][३] डॉ॰ राधाकृष्णन ने 30 अक्टूबर को डॉ॰ जी माधवन नायर की सेवानिवृत्ति के पश्चात् उनका स्थान लिया था।
डॉ॰ राधाकृष्णन ने केरल विश्वविद्यालय से 1970 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किया है। इन्होंने इसरो में अपना कार्यकाल विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर, तिरुवनंतपुरम में एवियॉनिक्स इंजीनियर के रूप में 1971 से शुरू किया। वे विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर रह चुके हैं।
डॉ॰ राधाकृष्णन ने बतौर इसरो अध्यक्ष अपनी पहली प्राथमिकता साल के अंत में उड़ने वाले जीएसएलवी के लिए स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन को तैयार करना बताया था और अपने इस उद्देश्य में वे सफल भी रहे।[४]
उनके मार्गदर्शन में भारत ने सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में अपना उपग्रह स्थापित करने में सफलता पाई।[२][३]