कोड़िकोड
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देश | साँचा:flag/core |
प्रान्त | केरल |
ज़िला | कोड़िकोड ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | ६,०९,२२४ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• प्रचलित | मलयालम |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 673 xxx |
दूरभाष कोड | 91 (0)495 , 496 |
वाहन पंजीकरण | KL 11, KL 18, KL 56, KL 57, KL 76, KL 77, KL 85, KLD & KLZ (Historical) |
लिंगानुपात | 1.093 ♀/♂[१] |
साक्षरता | 96.8%[१] |
वेबसाइट | www |
कोड़िकोड (Kozhikode), जिसे पहले कैलिकट (Calicut) कहा जाता था, भारत के केरल राज्य के कोड़िकोड ज़िले में अरब सागर के तट पर स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। कोड़िकोड केरल राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। शहर के पूर्व में वायनाड की पहाड़ियाँ हैं, जो पश्चिमी घाट का भाग हैं।[२][३]
इतिहास
कोड़िकोड का प्रारंभिक इतिहास स्पष्ट नहीं है। प्रागैतिहासिक काल की पत्थरों की गुफाएं यहां प्राप्त हुई हैं। संगम युग में यह जिला चेरा प्रशासन के अधीन था। उस समय यह स्थान व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र था। कोड़िकोड का अस्तित्व तेरहवीं शताब्दी में उभरकर सामने आया। इरनाड के राजा उदयावर ने कोड़िकोड और पोन्नियंकर के आसपास का क्षेत्र जीतकर एक किला बनवाया जिसे वेलापुरम कहा गया। १४९८ ई. में पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा ने अपने दल के साथ यहां सर्वप्रथम प्रवेश किया। समुद्री मार्ग से आने वाला वह पहला यूरोप वासी था। उसके बाद डच, फ्रेन्च और ब्रिटिश लोगों का यहां आगमन हुआ। आगे चलकर यह स्थान शक्तिशाली जमोरिन साम्राज्य की राजधानी बनी। १९५६ में केरल का राज्य के रूप में गठन हुआ और आगे चलकर कोड़िकोड राज्य की व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र बना।
दर्शनीय स्थल
पजस्सीराजा संग्रहालय
इस संग्रहालय में कोड़िकोड के समृद्ध इतिहास की झलक देखी जा सकती है। संग्रहालय शहर के पूर्व में ५ किलोमीटरकी दूरी पर स्थित है। राज्य का पुरातत्व विभाग इस संग्रहालय की देखभाल करता है। संग्रहालय में प्राचीन सिक्के, कांसे की वस्तुओं, प्राचीन मूरल की प्रतिलिपियां आदि इस क्षेत्र की विरासत को प्रदर्शित करती है।
कला दीर्घा
यह आर्ट गैलरी पजस्सीराजा संग्रहालय के सन्निकट है। यहां राजा रवि वर्मा और राजा वर्मा की पेटिंग्स देखी जा सकती है। इन दोनों कलाकारों का संबंध त्रावणकोर के शाही वंश से था। कला के पारखी लोग इस स्थान पर जाना नहीं भूलते। कहा जाता है कि रवि राजा वर्मा पहले कलाकार थे जिन्होंने तैल रंगों (ऑयल कलर) का प्रयोग किया था। यह कला दीर्घा (आर्ट गैलरी) सोमवार और सार्वजनिक अवकाश के अतिरिक्त प्रतिदिन सुबह १० बजे से शाम पांच बजे तक खुली रहती है।
मनाचिरा मैदान
यह मैदान नगर के बीचों बीच स्थित है। यह स्थान जमोरिन शासकों के महल का विशाल आंगन हुआ करता था। अब इसे एक खूबसूरत पार्क में तब्दील कर दिया गया है। इसके चारों ओर केरल के पारंपरिक मकान बने हुए हैं। नजदीक ही एक विशाल पानी का टैंक है।
काजीकोड बीच
शहर के पूर्वी भाग के तट पर दूर-दूर तक फैला यह बीच अनोखा नजारा प्रस्तुत करता है। समुद्र तट पर सूर्योदय के समय सूर्य की लालिमा जब रेत पर पडती है तो उस वक्त दृश्य बड़ा ही अनोखा लगता है। लाइट हाउस, लायन्स पार्क और एक्वेरियम को भी यहां देखा जा सकता है।
बीपोर
यह छोटा तटीय नगर कोड़िकोड से ११ किलोमीटर दूर चलियार नदी के मुहाने पर स्थित है। यह नगर सदियों से पानी के जहाज की उद्योग के लिए लोकप्रिय है। १५०० वर्षो से अधिक समय से यह स्थान उरू अर्थात् अरबी व्यापारिक जहाजों के निर्माण के लिए जाना जाता है।
वाडाकर
यह स्थान मार्शल आर्ट का वाणिज्यिक केन्द्र है। उत्तरी मालाबार के पौराणिक नायक तचोली ओथेनाम का यहां जन्म हुआ था। वाडाकर ने ही मार्शल आर्ट की महान परंपरा विकसित की थी। प्राचीन काल में वाडाकर व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का केन्द्र था।
तुषारगिरि
यह स्थान झरनों और हरे-भरे जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। तुषारगिरी कोडनचैरी से ११ किमी दूर है जो रबड़ के पौधों, नारियल, पेपर, अदरक और सभी प्रकार के मसालों के पेड़ पौधों से भरपूर है। तुषारगिरी के नजदीक ही कक्कायम में एक बांध है। यहां नदियों और झरनों में ट्रैकिंग का आनंद लिया जा सकता है।
विज्ञान प्लेनेटोरियम
कोड़िकोड में बह्मांड की गुत्थियों को समझने और तारों व ग्रहों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल करने के लिए तारामंडल (साइंस प्लेनेटोरियम) आप जा सकते है। जाफरखान कालोनी में स्थित इस प्लेनेटोरियम में बहुत से खेलों और पहेलियों के माध्यम से अपना समय व्यतीत किया जा सकता है।
पूकोट झील
कोड़िकोड में स्थित यह झील प्राकृतिक और ताजे पानी की झील है। घास और हरे भरे पेड़ों से घिरी यह झील शांत वातावरण के अभिलाषी लोगों के लिए आदर्श जगह है।
ताली मंदिर
कोड़िकोडसिटी सेंटर में स्थित यह मंदिर कालीकट के जमोरिन साम्राज्य की यादगार निशानी है। रेवती पट्टाथानम नामक वार्षिक शैक्षणिक प्रतियोगिता यहां आयोजित की जाती है।
क्रय-विक्रय
ड्राई फूड और शुद्ध नारियल के तेल से बना कोड़िकोड का मीठा हलवा पर्यटक अपने साथ ले जाना नहीं भूलते। साथ ही केले के चिप्स की खरीददारी भी अधिकांश पर्यटक करते हैं। कोर्ट रोड़ में मसालों का बाजार ताजे मसालों की खरीददारी करने के लिए उत्तम जगह है। अरबी पानी के जहाजों के नमूनों को यहां से खरीदा जा सकता है। कोड़िकोड हैंडलूम कपड़ों के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
आवागमन
- वायुमार्ग-
कोड़िकोड नगर से 23 किलोमीटर दूर कारीपुर नजदीकी एयरपोर्ट है। मुम्बई, चेन्नई, बैंगलोर और मध्य-पूर्व के लिए प्रतिदिन यहां से उडा़न जाती है।
- रेलमार्ग-
मानचिरा स्क्वेयर के दक्षिण में कोड़िकोड रेलवे स्टेशन स्थित है। यह रेलवे स्टेशन मंगलौर, एरनाकुलम, त्रिवेन्द्रम, चेन्नई, कोयम्बतूर और गोवा से नियमित रेलगाड़ियों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग-
महाराष्ट्र में पनवेल (मुम्बई के समीप दक्षिण में स्थित एक शहर) से आरम्भ होकर तमिल नाडु में कन्याकुमारी तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 66 कोड़िकोड को केरल के अन्य भागों और अन्य शहरों से जोड़ता है। कोड़िकोड शहर से अनेक बसें अन्य शहरों को जाती है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite web
- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894