कश्मीर की कली

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कश्मीर की कली
चित्र:कश्मीर की कली.jpg
कश्मीर की कली का पोस्टर
निर्देशक शक्ति सामंत
निर्माता शक्ति सामंत
लेखक रंजन बोस
अभिनेता शम्मी कपूर,
शर्मिला टैगोर,
प्राण
संगीतकार ओ॰ पी॰ नय्यर
प्रदर्शन साँचा:nowrap 20 नवम्बर, 1964[१]
देश भारत
भाषा हिन्दी

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कश्मीर की कली 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शक्ति सामंत द्वारा निर्मित और निर्देशित है।[२] संगीत ओ॰ पी॰ नय्यर का है और गीत एस॰ एच॰ बिहारी के हैं। इस फिल्म में शम्मी कपूर, शर्मिला टैगोर, प्राण, मदन पुरी और अनूप कुमार हैं। शर्मिला टैगोर की यह पहली हिन्दी फ़िल्म है एवं अपने गीतों के लिये प्रसिद्ध है।[३]

संक्षेप

राजीव (शम्मी कपूर) जवान हो गया है; उसके दिवंगत पिता ने समृद्ध व्यवसाय बनाया था और एक करोड़पति बन गए थे। उसकी विधवा मां राजीव को सीधा-साधा रखना चाहती हैं। इसके लिये सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि उसे घर बसाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। लेकिन राजीव जीवन का आनंद लेने के लिए श्रीनगर में परिवार के दूसरे घर भाग जाता है।[४] लेकिन रास्ते में पुल गिरने के कारण उसे रात भर रुकना पड़ा। मोहन (प्राण) उसी कारण से वहाँ रह रहा है। राजीव को सीढ़ियों के नीचे सोना पड़ता है और रात में चम्पा (शर्मिला टैगोर) उस पर कुछ पानी गिरा देती है। वे बात करते हैं, लेकिन वह उससे दूरी बनाए रखती है। अगले दिन वे संयोग से फिर मिलते हैं, वह उसे बताता है कि वह एक अमीर आदमी के लिए ड्राइवर है।

श्रीनगर में, वह पाता है कि उसके नौकर ने कुछ लड़कियों को उसका घर किराए पर दिया है और उसे शहर में आवास ढूंढना पड़ता है। चम्पा और राजीव के बीच रोमांस मोहन के चिड़चिड़ेपन के बावजूद विकसित होता है। चम्पा के पिता दीनू उसको राजीव के साथ मेले में जाने से मना कर देते हैं। लेकिन राजीव इतनी आसानी से नाकामी स्वीकार नहीं करता है और बुर्के में एक महिला के रूप में आ जाता है। चलती ट्रक के पीछे एक गाना और डांस नंबर होता है। मोहन दीनू को डराने में लगा रहता है और यह सामने आता है कि दीनू चम्पा का असली पिता नहीं है। बल्कि उसने दिल्ली के एक अमीर व्यापारी से उसका अपहरण कर लिया था।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत एस॰ एच॰ बिहारी द्वारा लिखित; सारा संगीत ओ॰ पी॰ नय्यर द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."ये चाँद सा रोशन चेहरा"मोहम्मद रफ़ी5:26
2."सुभानअल्लाह हसीं चेहरा"मोहम्मद रफ़ी3:28
3."दीवाना हुआ बादल"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले5:56
4."मेरी जाँ बल्ले बल्ले"मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले3:30
5."है दुनिया उसी की ज़माना उसी का"मोहम्मद रफ़ी4:52
6."बलमा खुली हवा में" (फ़िल्म में नहीं)आशा भोंसले3:07
7."इशारों इशारों में दिल लेने वाले"आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी4:50
8."कहीं ना कहीं दिल लगाना पड़ेगा"मोहम्मद रफ़ी4:55
9."फिर ठेस लगी दिल को" (फ़िल्म में नहीं)आशा भोंसले3:20

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ