कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, भारत

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, भारत की एक राज्य प्रोत्साहित अनिवार्य अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने वाला शासकीय संगठन है। सदस्यों और वित्तीय लेनदेन की मात्रा के मामले में यह विश्व का सबसे बड़ा सगठन है। इसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में है।

ध्येय

“हमारा लक्ष्य सार्वजनिक प्रबंधन की गुणवत्ता के जरिये वृद्दावस्था आय सुरक्षा कार्यक्रमों हेतु अनुपालन के मानदंडों में साफ-सुथरे, ईमानदार एवं सत्यनिष्ठ तरीके से निरंतर सुधार करना और लाभ प्रदान करना है तथा ऐसी प्रणाली तैयार करना है जो भारतीयों को विश्वास जीत सके एवं उनकी आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा में योगदान प्रदान कर सके ”

कानूनी आधार

सन् 1952 में कर्मचारी भविष्य निधि[१] और प्रावधान अधिनियम 1952 के अन्तर्गत इस संगठन की स्थापना हुई। संगठन के प्रबन्धकों में केन्द्रीय न्यासी मण्डल, भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि, नियोक्ता और कर्मचारी शामिल होतें हैं। इसके अध्यक्षता भारत के केन्द्रीय श्रम मन्त्री करतें हैं। संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त, मन्त्रालय के स्थायी सचिव के माध्यम से केन्द्रीय श्रम मन्त्री से जुड़े होतें हैं। कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952, भारतीय संसद के द्वारा पारित हुआ और 14 मार्च 1952 से प्रभाव में आया।[२] वर्तमान में मुख्य रूप से तीन योजनाओं का संचालन इस अधिनियम के द्वारा होता है -

संरचना

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, मुख्य रूप से 4 आंचलिक कार्यालयों में विभजित है जो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में है जिनके मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतिरिक्त केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त होतें हैं। ये आंचलिक कार्यालय फिर क्षेत्रीय कार्यालयों में और क्षेत्रीय कार्यालय उप-क्षेत्रीय कार्यालयों व जिला कार्यालयों में विभाजित होते हैं। क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य अधिकारी क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त और उप-क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य अधिकारी जूनियर ग्रेड क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त होतें हैं। देश के छोटे जिलों या क्षेत्रों में जिला कार्यालय होतें हैं। जहाँ प्रवर्तन अधिकारी स्थानीय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण और सदस्य / नियोक्ता शिकायतों के लिए तैनात होतें हैं।

सन्दर्भ

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इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ