कंकाल (उपन्यास)
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कंकाल धर्म के आवरण में छल-छद्म एवं अनाचार की पृष्ठभूमि पर लिखित जयशंकर प्रसाद का प्रथम उपन्यास है, जिसका प्रकाशन सन् १९२९ ई॰ में भारती भंडार, इलाहाबाद से हुआ था।[१]
परिचय
इस उपन्यास के सन्दर्भ में डॉ॰ सत्यप्रकाश मिश्र ने लिखा है : साँचा:quote
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ जयशंकर प्रसाद (विनिबंध), रमेशचन्द्र शाह, साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली, पुनर्मुद्रित संस्करण-२०१५, पृष्ठ-९४.