इंजन स्टार्टर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
सभी प्रकार के अन्तर्दहन इंजनों को स्टार्ट करने के लिये किसी वाह्य ऊर्जा-स्रोत का उपयोग करके उन्हें कुछ चक्कर घुमाना पड़ता है क्योंकि वे अचालित अवस्था में (अर्थात् शून्य RPM पर) अन्तर्दहन इंजन बलाघूर्ण नहीं पैदा करता।। इस कार्य के लिये प्रयुक्त होने वाली युक्ति को इंजन प्रवर्तक या इंजन स्टार्टर कहते हैं। मोटर स्टार्टर द्वारा कुछ चक्कर घुमाने के बाद इंजन स्वयं अपनी शक्ति से घूमने लगता है और स्टार्टर को तुरन्त बन्द कर दिया जाता है।
इंजन स्टार्टर कई प्रकार के होते हैं जैसे - वैद्युत मोटर, वायुचालित मोटर (pneumatic motor), द्रवचालित मोटर (hydraulic motor) आदि। किन्तु आजकल अधिकांशतः बैटरी-चालित डीसी मोटर ही इस काम के लिए सबसे अधिक प्रयुक्त होता है।
विभिन्न प्रकार
- मांसपेशियों की शक्ति द्वारा (रस्सी खींचना, हैंडिल मारना, किक मारना, पेडल चलाना आदि)
- सहायक अंतर्दहन इंजन (बड़े इंजनों को स्टार्ट करने के लिए लगभग १०% क्षमता का छोटा इंजन पहले चलाया जाता है।)
- दाबित वायु : जलयान, हथियारबन्द गाड़ियों आदि के विशाल डीजल इंजनों को चालू करने के लिए दाबित वायु का प्रयोग करते हैं। पहले इसी विधि से पिस्टन वाले वयुयानों को भी चालू किया जाता था।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
- प्रज्वलन प्रणाली (इग्नीशन सिस्टम)