आओ प्यार करें (1994 फ़िल्म)
आओ प्यार करें | |
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चित्र:आओ-प्यार-करें-का-पोस्टर.jpg आओ प्यार करें का पोस्टर | |
निर्देशक | रवीन्द्र पीपट |
निर्माता | गौतम बोकाड़िया |
अभिनेता |
सैफ़ अली ख़ान शिल्पा शेट्टी सोमी अली प्रेम चोपड़ा गुलशन ग्रोवर |
संगीतकार | आदेश श्रीवास्तव[१] |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 25 नवंबर, 1994 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
आओ प्यार करें 1994 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह रवीन्द्र पीपट द्वारा निर्देशित और गौतम बोकाड़िया द्वारा निर्मित है। इसमें सैफ अली खान, शिल्पा शेट्टी और सोमी अली प्रमुख भूमिकाओं में है।
संक्षेप
अंजलि (भारती) एक समृद्ध व्यवसायी है जो अपनी हवेली में रहती है। उसका व्यापार प्रबंधक सम्पत राय (प्रेम चोपड़ा) और स्थानीय गांव की एक लड़की, छाया (शिल्पा शेट्टी) समेत कई लोग उसके यहाँ आते-जाते रहते हैं। छाया को अंजलि देवी ने पाला था और दोनों एक दूसरे के बहुत प्रिय हैं। एक दिन अंजलि देवी को एक टेलीग्राम प्राप्त होता है जो बताता है कि उसका पोता राजा (सैफ अली खान) लंदन से उससे मिलने आ रहा है। यह पता चला है कि अंजलि देवी के एकमात्र पुत्र ने उसके पति की इच्छाओं के विरूद्ध शादी की और बाद में उसे घर से बाहर कर दिया गया। उनकी मृत्यु पर अंजलि देवी को उन्होंने कसम खिलाई कि वह अपने बेटे या उसके परिवार को अपने घर की सीमा पार नहीं करने देगी। अंजलि देवी के बेटे और बहू बाद में दुर्घटना में चल बसे, लेकिन पति को दिए गए वादे से बंधे होने पर, अंजलि देवी राजा के आने पर उसे अस्वीकार करती है। छाया ने राजा को घर के बाहर एक तम्बू स्थापित करने और धीरे-धीरे अपनी दादी से जीतनेका विशवास जीतने की सलाह दी। योजना सफल होती है और अंत में अंजलि देवी उसे स्वीकार करती है। राजा और छाया प्यार में पड़ते हैं और शादी करने का फैसला करते हैं। इस बीच सम्पत राय, जिसने खुद को व्यापार का उत्तराधिकारी होने की उम्मीद की थी, अंजलि देवी के जीवन में राजा के आगमन पर क्रोधित है। वह राजा के साथ अपनी बेटी सोनू (सोमी अली) को स्थापित करने का फैसला करता है। सोनू और राजा अच्छे दोस्त बन जाते हैं। अंजलि देवी भी उनकी शादी से सहमत हैं। हालांकि, राजा ने सोनू से शादी करने से इंकार कर दिया और अंजलि देवी से कहा कि वह छाया से प्यार करता है। अंजलि देवी अपने पोते के गरीब परिवार में शादी करने के विचार से क्रोधित है और सम्पत राय ने छाया को निकाल दिया। छाया के भाई शंकर (मुकेश खन्ना) उसे वापस घर ले जाते हैं। वह भी क्रोधित है कि वह राजा के साथ प्यार में पड़ गई और उसकी शादी मणिराम (गुलशन ग्रोवर) से करने का वादा किया। वह राजा से मिलने से रोकने के लिए छाया को कमरे में बंद कर देता है। जब राजा छाया को खोजने की कोशिश करता है तो उसे मणिराम द्वारा पीटा जाता है। आखिरकार छाया और राजा शंकर की पत्नी की मदद से भाग जाते हैं। मणिराम, शंकर, और सम्पत राय उनका पता लगाते हैं और पीछा करते हैं। उनके पकड़ने से पहले, उनकी मंदिर में शादी हो जाती है। शंकर और अंजली देवी उन्हें माफ करने का फैसला करते हैं। हालांकि, सम्पत राय की सहायता से मणिराम छाया और राजा का अपहरण कर लेता है और उन्हें सम्पत राय के पुराने कारखाने में ले जाता है। इसी दौरान सम्पत राय ने अंजलि देवी का अपहरण कर लिया और उसे वहाँ ले गया। उसने उसकी संपत्ति को सम्पत राय को देने के लिये यातना दी। शंकर कारखाने का रास्ता पाता है और छाया और राजा की मणिराम और सम्पत राय से लड़ने में मदद करता है। सोनू ने भी अपने पिता का कारखाने में पीछा किया। वह अंजलि देवी को मुक्त करने की कोशिश करती है लेकिन इस प्रक्रिया में खुद मर जाती है। सम्पत राय टूट जाता है जब उसे पता चलता है कि उसकी गलती से अपनी बेटी को मार दिया है। बस तभी पुलिस आती है और गुंडों को गिरफ्तार करती है। अंत में अंजलि देवी, राजा और छाया एकजुट हो जाते हैं।
मुख्य कलाकार
- सैफ़ अली ख़ान - राजा
- शिल्पा शेट्टी - छाया
- सोमी अली - सोनू
- गजेन्द्र चौहान - सूरज
- भारती - अंजलि
- प्रेम चोपड़ा - सम्पत राय
- गुलशन ग्रोवर - मणिराम
- मुकेश खन्ना - शंकर
- हिमानी शिवपुरी - शंकर की पत्नी
- टीकू तलसानिया - टीकूराम
- राकेश बेदी - पंडित काशीराम
- राजेश पुरी - बख्शिश
संगीत
सभी गीत श्याम राज द्वारा लिखित; सारा संगीत आदेश श्रीवास्तव द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "चाँद से पर्दा कीजिए" | कुमार सानु | 6:21 |
2. | "हाथों में आ गया जो कल" | कुमार सानु | 5:38 |
3. | "जब दो दिल मिलते हैं" | कुमार सानु, साधना सरगम | 6:41 |
4. | "क्यों फूल खिलते हैं" | विजयता पंडित, कुमार सानु | 5:50 |
5. | "उई माँ ये क्या हो गया" | पूर्णिमा, कुमार सानु | 5:27 |
6. | "जिंदा है जो लोग मोहब्बत" | सुरेश वाडकर | 6:30 |