अहिरावण
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कृत्तिवास रामायण में अहिरावण विश्रवा ऋषि और कैकसी के पुत्र और रावण के भाई थे। वो राक्षस था और वो और उसका जुड़वा भाई महिरावण गुप्त रूप से राम और उनके भाई लक्ष्मण को नरग-लोक में ले गये और वहाँ पर अपनी आराघ्य पातालिका के लिए दोनो भाइयों की बलि देने को तैयार हो गये। लेकिन हनुमान ने अहिरावण और उनकी सेना को मारकर इनकी रक्षा की।[१] अहिरावण के जुड़वा भाई का नाम महिरावण था जिसका वध हनुमान जी महाराज ने किया था।