अय्यप्पा
अय्यप्पन | |
---|---|
साँचा:larger | |
भगवान अय्यप्पा बाघ पर सवारी करते हुए | |
मलयालम | അയ്യപ്പൻ |
संबंध | हिन्दू देवता |
निवासस्थान | सबरिमलय |
मंत्र | स्वामीये शरणम् अय्यप्पा |
अस्त्र | धनुष और बाण |
युद्ध | महिषी वध |
जीवनसाथी | साँचा:if empty |
माता-पिता | साँचा:unbulleted list |
भाई-बहन | श्री गणेश ( सौतेले छोटे भाई ) ,श्री कार्तिकेय ( सौतेले बड़े भाई ), मनसा देवी ( सौतेली छोटी बहन ) , देवी अशोकसुन्दरी ( सौतेली बड़ी बहन ) और देवी ज्योति ( सौतेली छोटी बहन ) |
संतान | साँचा:if empty |
सवारी | घोड़ा, तेंदुआ, बाघ,हाथी |
स्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
अय्यपा हिंदू देवता हैं। वे विकास के देवता माने जाते हैं और केरल में विशेष रूप से पूज्य हैं। उन्हें शिव और मोहिनी का पुत्र कहा जाता है। मोहिनी विष्णु की अवतार हैं। यद्यपि अय्यप्पन की भक्ति केरल में बहुत काल से प्रचलित है किन्तु शेष दक्षिण भारत में यह हाल के दिनों में (२०वीं शताब्दी के अन्तिम काल में) लोकप्रिय हुआ है। इन्होंने दानव महिषासुर की बहन महिषी का वध किया था।
अय्यप्पन के बारे में किंवदंति है कि उनके माता-पिता ने उनकी गर्दन के चारों ओर एक घंटी बांधकर उन्हें छोड दिया था और पांडलम के राजा राजशेखर पांडियन ने उन्हें अपने पास रखा। मलयालम और कोडवा में उनकी कहानियां और गीत प्रसिद्ध हैं जिनमें उनके बाद के जीवन का वर्णन होता है। इन कहानियों और गीतों में अय्यप्पन द्वारा मुस्लिम ब्रिगेड वावर की को पराजित करना और उसके बाद वावर द्वारा उनकी पूजा का वर्णन मिलता है।
सबसे प्रसिद्ध अय्यप्पन मंदिर केरल की पतनमथिट्टा पहाड़ियों पर स्थित सबरिमलय मन्दिर है। यहाँ प्रति वर्ष दस लाख से अधिक तीर्थयात्री आते हैं। इस प्रकार यह विश्व के सबसे बडे तीर्थस्थलों में से एक है। सबरीमाला आने वाले तीर्थयात्रियों को ४१ दिन तक ब्रह्मचर्य का पालन करने तथा मांस-मदिरा से दूर रहने की कठिन व्रत करना होता है। तीर्थयात्रियों को नंगे पांव ही पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर तक चढना होता है। इस प्रकार इस यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के बीच न्यूनतम सामाजिक और आर्थिक असमता दृष्टिगोचर होती है।
अय्यप्पन और तमिल देवता अयनार के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं। अय्यप्प की स्तुति का मन्त्र 'स्वामीये शरणम् अय्यप्पा ' है जिसका अर्थ है - स्वामि अय्यप्प ! मैं आप की शरण में हूँ।