राष्ट्रसेविका समिति

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राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख वंदनेय शांथक्क्का एक सभा को संबोधित करते हुए

राष्ट्र सेविका समिति, भारत की स्त्रियों की एक संस्था है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ही दर्शन के अनुरूप कार्य करती है।[१] किन्तु यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला शाखा नहीं है। इसकी स्थापना १९३६ में विजयादशमी के दिन वर्धा में हुई थी। श्रीमती लक्ष्मीबाई केळकर (मौसीजी) इसकी प्रथम प्रमुख संचालिका थीं। विद्यमान प्रमुख संचालिका वं.शांता कुमारी (उपाख्य 'शान्तक्का') हैं। राष्ट्रसेविका समिति का ध्येयसूत्र है - 'स्त्री राष्ट्र की आधारशीला है।'

कार्यक्रम

  • दैनंदिन तथा साप्ताहिक शाखाएँ लगाना। वहां पर सेविकाओंको शारीरिक शिक्षा, बौद्धिक विकास, मनोबल बढाने के लिये विविध उपक्रम शुरू करना।
  • प्रतिवर्ष भारतीय तथा विभाग बैठकों का आयोजन : शिशु-बालिका, युवती, गृहिणी सेविकाओंके लिये।
  • वनविहार और शिविरों का आयोजन - शिशु, बालिका और गृहिणी सेविकाओं के लिए।
  • अखिल भारतीय तथा प्रांत, विभाग स्तरों पर प्रसंगोत्पात संमेलन लेना।
  • अपनत्व की भावना से आरोग्य शिबिर, छात्रावास, उद्योग मंदिर, बालमंदिर संस्कार वर्ग सहित विभिन्न सेवाकार्य करना।
  • विश्व विभाग में हिंदुत्व का प्रसार तथा हिंदु बांधवों का संगठन

प्रमुख संचालिकाएँ

  • (१) मावशी लक्ष्मीबाई केळकर, (संस्थापिका ; अक्टूबर १९३६ से नवम्बर १९७८ तक आजीवन)
  • (२) सरस्वती आपटे, (उपाख्य, 'ताई आप्टे' ; १९७८ से १९९४ तक)
  • (३) उषाताई चाटी, ( १९९४ से २००६ तक)
  • (४) प्रमिला-ताई मेढे, (२००६ से १०१२ तक ; वर्तमान में सलाहकार)

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ