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कायाकल्प प्रेमचंद के पूर्वलिखित उपन्यासों से भिन्न आध्यात्मिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया उपन्यास है। पूर्वजन्म और भावी जन्म के कल्पनात्मक चित्र इस कृति में कर्म और संस्कारोंके आधार पर प्रस्तुत किये गए हैं। इसमें वासना और प्रेम का संघर्ष आध्यात्मिक फलक पर चित्रित किया गया है और अंत में प्रेम द्वारा ही मानसिक शांति का लोक-प्रचलित आदर्श मार्ग बताया गया है। अतिशय चमत्कारिकता होने के कारण यह उपन्यास अन्य उपन्यासों की भाव-गरिमा को छू नहीं सका है।
पात्र
- यशोदानन्दन[१]
- महमूद
- लड़की
- चक्रधर
- वज्रधर
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उपन्यास | असरारे मुआबिद (अपूर्ण), दुर्गादास, प्रतापचन्द्र, श्यामा, प्रेमा, कृष्णा, वरदान, प्रतिज्ञा, सेवासदन, प्रेमाश्रम, निर्मला, रंगभूमि, कायाकल्प, गबन, कर्मभूमि, गोदान, मंगलसूत्र (अपूर्ण) |
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कहानी संग्रह | सप्तसरोज, नमक का दरोगा, प्रेम पचीसी, प्रेम प्रसून, सोजे वतन, नवनिधि, प्रेम पूर्णिमा, प्रेम द्वादशी, प्रेम प्रतिमा, प्रेम प्रमोद, प्रेम तीर्थ, पाँच फूल, प्रेम चतुर्थी, प्रेम प्रतिज्ञा, सप्त सुमन, प्रेम पंचमी, प्रेरणा, समर यात्रा, पंच प्रसून, नवजीवन, बैंक का दिवाला, शान्ति तथा अग्नि समाधि |
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अनुवाद | |
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बाल-साहित्य | |
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जीवनियाँ | |
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मरणोपरांत बने संग्रह | |
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प्रेमचंद की कथाओं पर आधारित फ़िल्में | |
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संदर्भ