बाह गाँव, बाह (आगरा)
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बाह | |
— गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | आगरा |
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, अवधी, बुंदेली, उर्दु, अंग्रेज़ी |
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बाह बाह, आगरा, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है। बाह आगरा जिले के पूर्व में अंतिम तहसील है, इस तहसील के किनारे से चम्बल नदी गुजरती है। चम्बल और यमुना का दोआबा होने के कारण इस भू-भाग मे खेती की जमीन कम से कम है, पानी का जमीनी लेबल पचास मीटर नीचे होने के कारण यहाँ पीने के पानी की भी किल्लत होती है। भदौरिया राजपूत समुदाय अधिक होने के कारण इस दोआबे में अधिकतर बेरोजगारी की मार युवाओं को झेलनी पडती है और खून गर्म होने के कारण युवा वर्ग जरा सी बात पर मरने मारने के लिये उतारू हो जाता है। अधिकतर युवा अपने प्रयासों के कारण सेना में भर्ती हो जाते हैं और उनके परिवार के व्यक्तियों का जीवन आसानी से चल उठता है। एक तरफ़ चम्बल और दूसरी तरफ़ यमुना नदी होने के कारण बीहड जिन्हें निर्जन जंगल के रूप मे जाना जाता है, बहुत लम्बे भू-भाग में फ़ैले हैं। शिक्षा की कमी के चलते ७० प्रतिशत लोग बीहड के अन्दर अपना जीवन बिताना जानते है, सूखा इलाका होने के कारण यहाँ पर बाजरा और सरसों के अलावा चना अलसी आदि क फ़सलें भ पैदा हो जाती हैं, राज्य सरकार ने चम्बल को अभारण्य घोषित करने के बाद, इस भू-भाग के निवासियों ने बाहर के राज्यों रा्जस्थान दिल्ली बंगाल पंजाब आदि में पलायन शुरु कर दिया है, जो लोग रह गये है, उनमे दस प्रतिशत लोग अपने को जंगलो मे वनवासी रूप मे वासित कर रहे हैं। पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी इसी भू-भाग में बटेश्वर नामक स्थान के है।
भूगोल
जनसांख्यिकी
ब्लाक | क्षेत्रफल | आवासीय गृह | जनसंख्या | पुरुष | महिला |
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बाह | 272.4 | 15653 | 100658 | 54911 | 45747 |