गोदावरी एक्स्प्रेस २७२७
गोदावरी एक्स्प्रेस २७२७ भारतीय रेल द्वारा संचालित एक मेल एक्स्प्रेस ट्रेन है। यह ट्रेन विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड:VSKP) से 05:25PM बजे छूटती है और हैदराबाद डेकन रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड:HYB) पर 06:15AM बजे पहुंचती है। इसकी यात्रा अवधि है 12 घंटे 50 मिनट।
गोदावरी एक्सप्रेस दक्षिण मध्य रेलवे की सबसे प्रतिष्ठित गाडियो में से एक है और विशाखापट्टनम और हैदराबाद के बीच चलती है। यह ट्रेन संख्या ७००७ और ७००८ के साथ १ फ़रवरी १९७४ को वाल्टेयर – हैदराबाद एक्सप्रेस के रूप में पेश की गई थी। इसकी वर्तमान ट्रेन संख्या १२७२७ और १२७२८ है। इस ट्रेन के लिए अत्यंत उच्च मांग और विशेष रूप से वातानुकूलित डिब्बो की इसकी मांग के लिए ट्रेन ने एक सम्पूर्ण वातानुकूलित गरीब रथ का उद्घाटन किया और दूरन्तो की शुरुआत कीІ दो नई ट्रेनो के बावजूद गोदावरी एक्सप्रेस की मांग इतनी अधिक है कि कभी कभी अनारक्षित डिब्बा एक अतिरिक्त क्लासिक स्लीपर या तीसरी श्रेणी के डिब्बे के साथ बदल दिया जाता है। ट्रेन दोनो शहरो के बीच सबसे अच्छा तरीका माना जाता है और दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा बहुत अच्छे तरीके से संभाला जाता है।
इस ट्रेन को भुवनेश्वर तक विस्तारित करने के प्रस्तावो का दोनो यात्रियो और नेताओ द्वारा द्रढतासे विरोध किया गया था क्योंकि पहले विशाखा एक्सप्रेस नाम की अन्य ट्रेन को शहर की ओर विस्तरित किया गया था जिससे उसकी यात्रा का समय काफी बढ गया था। गोदावरी एक्सप्रेस राज्य की राजधानी हैदराबाद को आंध्रप्रदेश में चार तटीय जिल्लो के शहरो से जोडने के उद्देश्य से कार्य करती है। ट्रेन विशाखापट्टनम जिले में चार स्टेशन पर, पूर्वी गोदावरी जिले में छह स्टेशनो पर, पश्चिमी गोदावरी जिले में तीन स्टेशनो पर और कृष्णा जिले में विजयवाडा में रूकती है। [१]
इतिहास
१ फ़रवरी १९७४ को भारतीय रेल ने वाल्टेयर – हैदराबाद एक्सप्रेस के साथ विशाखापट्टनम और हैदराबाद के बीच पहली रेल सेवा की घोषणा की। ट्रेन दैनिक आधार पर चलती थी और विशाखापट्टनम से शाम के ५.३० बजे रवाना होती थी और अगले दिन सुबह ०६.४५ बजे हैदराबाद आती थी। वापसी यात्रा में यह ५.१५ बजे हैदराबाद से रवाना होती थी और अगले दिन सुबह ६.४५ बजे विशाखापट्टनम पहुंचती थीІ ट्रेन पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी के सुनसान शहरो में नौ स्टेशनो पर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करती है, इसलिये आधिकारिक तौर पर इसे गोदावरी एक्सप्रेस नाम दिया गया है। यह नियमित रूप से एक भाप इंजन द्वारा खिंची जाती थी और इसमे १७ डिब्बे थे। यह समालकोट और राजमुंदरी के बीच अपनी अधिकतम गति ५० किमी / घंटे पर पहुंची थी। १९७५ के दौरान ट्रेन में एक बदली की सेवा पेश की गई थी और ट्रेन को काकीनाडा तक चलाया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप ५ अतिरिक्त डिब्बे शमिल किए गए। [२]
निरीक्षण
आईआरसीटीसी इस ट्रेन के लिए ओनलाइन टिकट बुकिंग संभालती है। सामान सह स्लीपर डिब्बो और अनारक्षित सामान्य डिब्बो का किराया कम है और समय समय पर इसे परिवर्तितकिया जाता है। [३]