मलप्पुरम
साँचा:if empty Malappuram അരീക്കോട് | |
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विमान से मलप्पुरम का दृश्य | |
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निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
प्रान्त | केरल |
ज़िला | मलप्पुरम ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | १,०१,३८६ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• प्रचलित | मलयालम |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 676505 |
दूरभाष कोड | 0483 |
वाहन पंजीकरण | KL-10 |
साक्षरता दर | 96.47% |
वर्षण | साँचा:convert |
औसत ग्रीष्मकालीन तापमान | साँचा:convert |
औसत शीतकालीन तापमान | साँचा:convert |
मलप्पुरम (Malappuram) भारत के केरल राज्य के मलप्पुरम ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[१][२]
विवरण
पूर्व में नीलगिरी की पहाड़ियों, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में पालक्काड एवं तृश्शूर जिले से घिरा मलप्पुरम कोड़िकोड से 50 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है। मलप्पुरम को 1969 में कालीकट और पलक्कड से अलग करके बनाया गया था। चालियार, कडलुंडी और भारतपुड़ा नामक तीन महान नदियां यहां से बहती हैं। इंडो-यूरोपियन शैली में बनी अनेक ऐतिहासिक इमारतें आज भी यहां देखी जा सकती हैं।
मलप्पुरम की सुन्दर-सुन्दर मस्जिद और वहां मनाए जाने वाले पर्व बहुत लोकप्रिय हैं। केरल के इस जिले का समृद्ध इतिहास रहा है। प्राचीन काल से यह नगर जमोरिन शासकों के सैनिक मुख्यालय के तौर पर जाना जाता रहा है। ब्रिटिश शासन के खिलाफ 1792 से 1921 के दौरान यहां कई बार मोप्पिला विद्रोह हुए थे। केरल की सांस्कृतिक विरासत में इस नगर का विशेष योगदान माना जाता है। इस्लामी शिक्षा और इस्लामिक दर्शन का यह प्रमुख केन्द्र रहा है।
प्रमुक आकर्षण
तिरूमनधनकुन्नू मंदिर
देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है और एक बहुत ही अनोखी किवदंती इस मंदिर की उत्पत्ति से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि चेरूमा जाति की एक महिला पेड़ की डाली काट रही थी। जैसे ही उसने पहाड़ी की चट्टान से चाकू पर धार लगानी शुरू की तो चट्टान से रक्त निकलने लगा। यह खबर नगर में आग की तरह फैल गई और शीघ्र की इस स्थान पर यह मंदिर बनवाया गया।
पुथंगड़ी मस्जिद
यह मस्जिद कालाथुर रोड़ पर स्थित अंगदीपुरम से 1 मील की दूरी पर है। यह मस्जिद मोप्पिला परिवार ने बनवाई थी। यहां के स्थानीय शासक वल्लानुवद ने 10 मोप्पिला परिवारों को यहां बसने का निमंत्रण दिया था। मोप्पिला परिवारों ने सर्वप्रथम यहां इस मस्जिद का निर्माण करवाया।
मंजेरी
यह मूल रूप से एक मुस्लिम नगर है जो बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में राजनैतिक गतिविधियों को केन्द्र था। इसी स्थान पर 1911 में मालापुर पॉलिटिकल डिस्ट्रिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था। इस नगर मे अनेक सुन्दर मस्जिदे स्थित है| मंजेरी में बना श्रीमुत्रकुन्नू या कुन्नथ अंबलम मंदिर खासा लोकप्रिय है। देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर 1652 में माना विक्रम द्वारा बनवाया गया था। मार्च-अप्रैल माह में यहां मंजेरी पूरन पर्व मनाया जाता है जो सात दिन तक चलता है। पर्व के अंतिम दो दिनों में आकर्षक आतिशबाजी की जाती है।
कोट्टाकल
मलप्पुरम से 11 किलोमीटर दूर यह स्थान जमोरिन शासकों द्वारा बनवाए गए किलेनुमा महल के लिए चर्चित है। मल्लापुरम और कोट्टाकल के बीच पत्थरों को काटकर बनाई गई एक गुफा और एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है जो यहां आने वाले सैलानियों को काफी लुभाता है।
आर्य वैद्यशाला
कोट्टाकल स्थित आर्य वैद्यशाला देश भर से आगंतुकों को अपनी ओर खींचती है। आयुर्वेदिक दवाईयों का यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। यहां के आयुर्वेदिक कॉलेज में आयुर्वेद से संबंधित अनेक प्रकार के अनुसंधान होते रहते हैं। संस्थान में पांरपरिक भारतीय विधियों से उपचार किया जाता है।
कोन्डोती
इस छोटे से नगर की खासियत यहां की पजहवंगड़ी मस्जिद है जो लगभग पांच सौ साल पुरानी मानी जाती है। फरवरी मार्च में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला कोन्डोती वेलिया नेरचा पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व की गतिविधियां तीन दिन तक चलती हैं और यहां के मुसलमानों के सांस्कृतिक जीवन में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस नगर में सूफी संत हजरत मुहम्मद शाह का मकबरा भी है। कोन्डोती मंजेरी से 18 किलोमीटर की दूरी पर है।
कादालुंडी बर्ड सेंचुरी
द्वीपों के एक समूह में फैली यह सेंचुरी चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरी है। 100 से भी अधिक निवासी और 60 के लगभग अनिवासी पक्षियों की प्रजातियां यहां देखी जा सकती है। समुद्र तल से 200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी की चोटी से नदी और सागर के सुंदर नजार देखे जा सकते हैं। इस बर्ड सेंचुरी में मछलियों, केकडों और अनेक जलीय जीवों को देखा जा सकता है। कालीकट से इस सेंचुरी की दूरी करीब 19 किलोमीटर है।
आवागमन
- वायु मार्ग
कालीकट विमानक्षेत्र मलप्पुरम का नजदीकी एयरपोर्ट है जो यहां से 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेल मार्ग
मलप्पुरम का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन कालीकट में है। कालीकट रेलवे स्टेशन देश के तमाम बड़े शहरों से अनेक ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग
केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के अनेक शहरों से सड़क मार्ग से आसीनी से मलप्पुरम पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन निगम की अनेक बसें इसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894