देव-डी

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देव-डी
चित्र:Dev.D.jpg
देव-डी का प्रचारक पोस्टर
निर्देशक अनुराग कश्यप
निर्माता यूटीवी स्पॉट्बॉय, बिन्दास
लेखक अनुराग कश्यप, विक्रम मोटवाने
अभिनेता अभय देयोल
कल्कि कोएच्लिन
माही गिल
दिब्येन्दु भट्टाचार्य
संगीतकार अमित त्रिवेदी
वितरक यूटीवी मोशन पिक्चर्स
यूटीवी स्पॉट्बॉय
प्रदर्शन साँचा:nowrap साँचा:film date
समय सीमा 171 मिनट
देश साँचा:flag
भाषा हिन्दी
कुल कारोबार $1,292,704

साँचा:italic title

देव-डी, 6 फ़रवरी 2009 को प्रदर्शित एक हिन्दी रोमांटिक नाटक फिल्म है।[१] फिल्म का लेखन और निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है। फिल्म शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के कालजयी बंगाली उपन्यास देवदास का आधुनिक संस्करण है।[२][३] इसके अलावा इस उपन्यास पर आधारित अन्य फ़िल्में पी सी ब्रूवा, बिमल रॉय और संजय लीला भंसाली बना चुके हैं।[४] इस फ़िल्म को समालोचकों और जनता ने पसंद किया और जिस तरीके से इसने अपने आप को पेश किया उसके लिए इसे हिंदी की पथ तोड़ने वाली फिल्मों में से एक माना गया।

कथानक

देव (अभय देयोल) एक अमीर पंजाबी व्यवसायी का बेटा है। वह और पारो (माही गिल) बचपन से एक दूसरे की ओर आकर्षित हैं। लेकिन देव, एक असुरक्षित उग्र स्वभाव का व्यक्ति होने के कारण, उसके प्रति अपना स्नेह ओर सुरक्षा दर्शाने के बजाय फ़ालतू बातों पर पारो को परेशान करता है।

फिल्म समकालीन पंजाब ओर दिल्ली पर आधारित है जहां पैतृक परम्पराओं के सामने पारिवारिक संबंधों की उपेक्षा की जाती है ओर शादियां सिर्फ क्षमता ओर "सम्मान" का खेल बन कर रह गयी हैं।

देव को उच्च शिक्षा के लिए लन्दन भेज दिया जाता है, जब उसके पिता को यह महसूस होता है कि उनका बेटा इतना बिगड़ गया है। लेकिन, एक दूसरे से दूर होने पर पारो ओर देव के बीच प्यार फूल की तरह खिलने लगता है। यानि वे महसूस करते हैं कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं। देव पारो से मिलने के लिए चण्डीगढ़ पहुंचता है। प्यार करने का यह प्रयास कुछ अंधेरे हास्य पलों का निर्माण करता है। संदेह के ऐसे बीज इस समय बो दिए जाते हैं, जिनसे यह जोड़ा अपने जीवन में कभी भी उबर नहीं पायेगा। जब देव पारो के बारे में अफवाहें सुनता है, वह उन पर तुरंत विश्वास कर लेता है और पारो को छोड़ देता है। जिससे उन दोनों के बीच शक पैदा हो जाता है और आवश्यक रूप से ऐसी पुरुष भावना उनके बीच आ जाती है कि एक महिला को किस तरह से यौन आचरण करना चाहिए। पारो जब यह सुनती है कि देव ने उसका अपमान किया है, वह उसे छोड़ कर लौट आती है और उसके माता-पिता ने उसके लिए जिसे चुना है, उससे शादी करने के लिए तैयार हो जाती है। उसकी शादी के दिन पर, उसे महसूस होता है कि ये अफवाहें झूठी थीं। लेकिन अपने अहंकार के कारण, वह अपनी गलती को स्वीकार नहीं करता है और उसे किसी और से शादी करने देता है।

चंदा का प्रवेश, यह भाग दिल्ली के कुख्यात सेक्स एमएमएस (MMS) काण्ड को बताता है। जब उसके पिता अपनी बेटी की खोयी प्रतिष्ठा से अपमानित महसूस करते हैं, वे आत्महत्या कर लेते हैं। उसे उसके परिवार के द्वारा त्याग दिया जाता है। फिल्म में यह दर्शाया गया है कि कैसे वह अपने आप को एक निर्दोष स्कूली छात्रा से एक वेश्या में तब्दील कर लेती है। हालांकि चन्दा पेशे से वेश्या नहीं है, फिर भी पूरी तरह से अलग नहीं है। मुजरा प्रदर्शित करने के बजाय, वह लोकप्रिय अमेरिकी श्रृंखला के अश्लील दृश्यों का प्रदर्शन करती है। एक बात जो उसे अलग बनाती है, वह यह है कि उसने पेशे के लिए अपनी पढाई नहीं छोड़ी है और उसका निकास द्वार भी खुला है।

देव पारो की शादी से बहुत परेशान हो जाता है और शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने लगता है। वह अपने खोये हुए प्यार की खोज में चण्डीगढ़ छोड़ कर दिल्ली आ जाता है, अपने पिता से बचने का भरसक प्रयास करता है। कुछ माह बाद, देव आधी रात को पारो के पति को फोन करता है, जिसके बाद पारो देव से मिलने जाती है। पारो अपने भाग्य को स्वीकार कर चुकी है, लेकिन उसका दिल आज भी अपने बचपन के प्रेमी के लिए धड़कता है। उसका प्यार हमेशा देखभाल में बदल जाता है। दूसरी ओर, देव उससे प्यार से ज्यादा-विशेष रूप से शारीरिक प्यार- की मांग करता है, ओर यहीं पर उसकी किस्मत उसका साथ नहीं देती है। पारो का यह मानना है जुदाई के बजाय कि किसी और से प्यार करना उसके लिए दुःख का कारण है।

विडंबना यह है, कि उसकी जिंदगी हमेशा महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। उस पर दबाव है कि वह एक से अपना विनाश कर ले और दूसरे के द्वारा छोड़ दिया जाये। अंत में उसे ऐहसास होता है कि वह गलत था और शायद उसने कभी भी पारो से सच्चा प्यार नहीं किया। वह चंदा के पास लौट जाता है और उसके साथ रहने लगता है।

कलाकार

  • जूनियर देवेन्द्र सिंह के रूप में एकांश वत्स {देव}
  • अभय देयोल देवेंद्र सिंह ढिल्लों (देव) के रूप में।
  • कल्की केकलां लेने/चन्दा (चंद्रमुखी) के रूप में।
  • माही गिल परमिंदर (पारो) के रूप में।
  • दिब्येंदु भट्टाचार्य चुन्नीलाल के रूप में।
  • असीम शर्मा भुवन (पारो के पति) के रूप में।
  • परख मदान रसिक के रूप में।
  • ट्विलाईट में काम करने वाले बार डांसर के रूप में।

निर्माण

फिल्म के मूल विचार का सुझाव अभय देओल ने अनुराग कश्यप को दिया, जिन्होंने विक्रमादित्य मोटवाणी के साथ पटकथा पर काम किया और "जनरेशन एक्स (Generation X) के बारे में समाचार की सुर्ख़ियों का प्रयोग करते हुए" फिल्म को एक युवा अहसास दिया. इसका प्रोडक्शन रोनी स्क्रूवाला के द्वारा किया गया, इसकी शूटिंग मध्य दिल्ली में पहाड़गंज सहित कई स्थानों पर हुई.[५]

विकास

अनुराग कश्यप देवदास शीर्षक के पिछले 9 संस्करणों में से किसी का भी रीमेक नहीं करना चाहते थे।[६][७] उनका संस्करण शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के 1917 के मूल उत्कृष्ट उपन्यास का एक आधुनिक रूप है।[७] कश्यप ने फैसला लिया कि वे देवदास का अपना खुद का संस्करण बनाना चाहते थे, ताकि वे 2008 की संस्कृति के माध्यम से मूल उपन्यास को प्रतिबिंबित कर सकें, जिसमें देवदास की मुख्य भूमिका एक घमंडी, पाखंडी कामी व्यक्ति की हो, जो अनजाने में अपना विनाश कर रहा है।[७][८] देव की भूमिका और कहानी के बारे में बात करते हुए, अभय देओल ने रेडियो सरगम को बताया, "कहानी का अधिकांश भाग उस किताब में से से है जिसे मैंने अंग्रेजी में पढ़ा है।" मैंने इस भूमिका को किताब में डी गयी मेरी व्याख्या के अनुसार निभाया है। उसका चरित्र समकालीन था, वह कई मायनों में काफी शहरी था, वह आस पास के वातावरण में कहीं खो गया है और बिगड़ गया है, उसका व्यक्तित्व अतिवादी है और उसे नशे की लत है।[९]

प्रारंभिक देरी

कश्यप की नो स्मोकिंग के बौक्स ऑफिस विनाश के बाद, या अफवाह फ़ैल गयी कि युनाइटेड टेलीविजन (UTV) निर्देशक की अगली परियोजना देव. डी से बाहर कर दिया गया है, जिसमें अभय देओल अभिनेता हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार, UTV ने तीन प्रोजेक्ट्स के लिए अभय को साइन किया था और अभिनेता नवम्बर 2007 से मार्च 2008 तक कश्यप की फिल्मों में व्यस्त थे, क्योंकि कार्यक्रम कुछ ऐसा बनाया गया था कि फिल्म को एक ही समय में पूरा कर लिया जाये. जब फिल्म की शुरुआत हुई, यह अफवाह फैली कि UTV पीछे हट गया।[१०] उस समय, निर्देशक ने इस बात का खंडन किया कि UTV पीछे हट गया है। उन्होंने देरी का यह कारण स्पष्ट किया कि एक बार उनकी पिछली फिल्म हनुमान रिटर्न्स का काम पूरा हो जाये, उसके बाद वे इस फिल्म पर काम कर पाएंगे. उन्होंने कहा वे अभी भी अपनी चंद्रमुखी की तलाश कर रहे हैं और अभय और माही गिल को इसके लिए साइन कर चुके हैं।[११] फिल्म में बाद में देरी हुई, क्योंकि उन्हें चंद्रमुखी की भूमिका के लिए अभिनेत्री की खोज करने में समय लगा, अंततः इसके लिए उन्होंने कालकी कोच्लीन को चुना, वह सबसे आखिर में ऑडिशन देने वाली लड़की थी।[५]

रीलीज़

बॉक्स ऑफिस

देव.डी ने पहले दिन 15 मिलियन रूपये का संग्रह किया। हालाँकि फिल्म को बॉक्स ऑफिस से जल्दी ही उठा लिया गया और इसने कुछ ही हफ़्तों में 60 मिलियन रूपये का बजट पूरा कर लिया था।[१२] इसके पहले चार हफ्तों में कुल संग्रह था लगभग 150 मिलियन रूपये.[१३]

अगवानी

देव.डी को ज्यादातर सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुईं. टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के समीक्षक, निखत काजमी ने फिल्म को "बॉलीवुड के लिए एक शानदार सफलता" कहा और इसे 5/5 अंक दिए.[१४] . इंडियन एक्सप्रेस के की शुभ्रा गुप्ता, ने अभय देओल और कुल मिलाकर फिल्म के प्रदर्शन की प्रशंसा की.[१५] हिंदुस्तान टाइम्स ने फिल्म की इसकी "चालाक शैली और साहसिक व्याख्या के लिए प्रशंसा की जो हिंदी सिनेमा की सीमाओं को आगे बढाती है" और इसे 3.5/5 अंक दिए.[१६] AOL इण्डिया के नोयोन ज्योति पराशर फिल्म से पूरी तरह से प्रभावित हुए और कहा कि "जाओ और फिल्म देखो और आपको इसमें इस बात का नमूना मिलेगा कि एक निर्देशक के रूप में अनुराग कश्यप कितने योग्य हैं। कम से कम फिल्म का पहला आधा भाग आपको मंत्रमुग्ध कर देगा."[१७]

संगीत

देव-डी
संगीत अमित त्रिवेदी द्वारा
जारी दिसम्बर 2008
संगीत शैली फ़िल्म संगीत
लंबाई 01:01:31
लेबल टी-सिरीज
पेशेवर समीक्षायें
अमित त्रिवेदी कालक्रम

आमिर
(2008)
देव-डी
(2009)

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देव.डी में कलाकार अमित त्रिवेदी के द्वारा 18 ट्रैक हैं। इसकी रिलीज़ टी-सीरीज़ के तहत 31 दिसम्बर को हुई, उन्होंने विशेष रिपोर्ट दी कि इसमें दो विशेष पंजाबी ट्रैक हैं, एक कच्चा पंजाबी है और दूसरे में गली में बजाये जाने वाले बैंड के बाजे का फ्लेवर डाला गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें एक राजस्थानी लोक गीत के साथ, एक हार्ड रोक संगीत, वर्ल्ड संगीत, एक अवधि नंबर और एक 1970 -1980 के दशक का पॉप टच है।[१८][१९] साउंड ट्रैक को भी भारी सकारात्मक समीक्षाएं मिलीं. आलोचक जोगिंदर टुटेजा ने कहा, "चारों ओर यह विचार है कि यह एल्बम व्यावसायिक रूप से अच्छा काम करेगी या नहीं; यह एक अनूठा काम है ओर यही बात है जो सबसे महत्वपूर्ण है।"[२०] साउंडट्रैक युवाओं में बहुत लोकप्रिय हुआ है। गाना "इमोशनल अत्याचार" लोगों में बहुत लोकप्रिय हुआ ओर इस गाने का नाम अधिकांश भारतीय युवाओं में मौजूदा लोकोक्ति बन गया है।[२१]

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सन्दर्भ

  1. Passionforcinema.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 30 दिसम्बर 2008, अनुराग कश्यप की टिप्पणी
  2. Passionforcinema.com, स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 9 जुलाई 2007, अनुराग कश्यप का साक्षात्कार
  3. Hollywood.com, "स्पोटबॉय मोशन पिक्चर्स की फिल्म"
  4. Dev. D - Overview स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स
  5. देव. डी' सुधीर मिश्रा की 'ओर देवदास' के जैसी नहीं है स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। द हिंदू, बुधवार, दिसम्बर 10, 2008.
  6. पहले बनाये गए संस्करणों की IMDb स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। सूची
  7. Passionforcinema.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 9 जुलाई 2007, अनुराग कश्यप का साक्षात्कार.
  8. Masala.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। "अनुराग कश्यप देवदास को जितना हो सके अनुकूलित करने के लिए उत्सुक हैं। "
  9. RadioSargam.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। "अभय देओल ने देव डी के बारे में रेडियो सरगम से बातचीत की"
  10. In.movies.yahoo स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 17 नवम्बर 2007 "UTV Backs Out Of Dev D?"
  11. Buzz18.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, फ़रवरी 1, 2008 "It's official: Ambika-Anurag split- Anurag's film will be now produced by Spotboy, a sister concern of UTV" (यह अधिकारिक है: अम्बिका-अनुराग विवाद- अनुय्राग की फिल्म का प्रोडक्शन अब स्पोटबॉय, UTV की एक शाखा के द्वारा किया जाएगा.)
  12. साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  13. साँचा:cite web
  14. Movie Review: Dev D स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, फ़रवरी 5, 2009
  15. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  16. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  17. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  18. Radioandmusic.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 5 सितम्बर 2008, "अमित त्रिवेदी UTV स्पोट बॉय की अगली दो फिल्मों के लिए कम्पोज़ करेंगे."
  19. Rediff.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 21 जुलाई 2008, "Making music, from Aamir to Dev D"
  20. BollywoodHungama.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 7 जनवरी 2009, "बॉलीवुड हंगामा संगीत समीक्षा देव डी के लिए"
  21. RadioSargam.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 24 जनवरी 2009, "रेडियो सरगम संगीत समीक्षा देव डी के लिए "

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