भीमताल झील
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भीमताल एक त्रिभुजाकर झील है। यह उत्तरांचल में काठगोदाम से 10 किलोमीटर उत्तर की ओर है। इसकी लम्बाई 1674 मीटर, चौड़ाई 447 मीटर और गहराई १५ से ५० मीटर तक है। नैनीताल से भी यह बड़ा ताल है। नैनीताल की तरह इसके भी दो कोने हैं जिन्हें तल्ली ताल और मल्ली ताल कहते हैं। यह भी दोनों कोनों सड़कों से जुड़ा हुआ है। नैनीताल से भीमताल की दूरी २२.५ कि. मी. है।
विशेषता
भीमताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सुन्दर घाटी में ओर खिले हुए अंचल में स्थित है। इस ताल के बीच में एक टापू है, नावों से टापू में पहुँचने का प्रबन्ध है। यह टापू पिकनिक स्थल के रूप में प्रयुक्त होता है। अधिकाँश सैलानी नैनीताल से प्रातछ भीमताल चले जाते हैं। टापू में पहुँचकर मनपसन्द भोजन करते हैं और खुले ताल में बोटिंग करते हैं। इस टापू में अच्छे स्तर के रेस्तरां हैं। उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग की ओर से इस टापू पर एक मछलीघर (एक्वेरियम) भी बनाया गया है। मछली के शिकार की भी यहाँ अच्छी सुविधा है।
प्राचीन महत्व
नैनीताल की खोज होने से पहले भीमताल को ही लोग महत्व देते थे। परन्तु कुछ विद्वान इस ताल का सम्बन्ध पाण्डु - पुत्र भीम से जोड़ते हैं। कहते हैं कि पाण्डु - पुत्र भीम ने भूमि को खोदकर यहाँ पर विशाल ताल की उत्पति की थी। वैसे यहाँ पर भीमेश्वर महादेव का मन्दिर है। यह प्राचीन मन्दिर है - शायद भीम का ही स्थान हो या भीम की स्मृति में बनाया गया हो। परन्तु आज भी यह मन्दिर भीमेश्वर महादेव के मन्दिर के रूप में जाना और पूजा जाता है।
उपयोगी झील
भीमताल उपयोगी झील भी है। इसके कोनों से दो-तीन छोटी - छोटी नहरें निकाली गयीं हैं, जिनसे खेतों में सिंचाई होती है। एक जलधारा निरन्तर बहकर गौला नदी के जल को शक्ति देती है। कुमाऊँ विकास निगम की ओर से यहाँ पर एक टेलिविजन का कारखाना खोला गया है। फेसिट एशिया के तरफ से भी टाइपराइटर के निर्माण की एक युनिट खोली गयी है। यहाँ पर पर्यटन विभाग की ओर से ३४ शैैयाओं वाला आवास - गृह बनाया गया है। इसके अलावा भी यहाँ पर रहने - खाने की समुचित व्यवस्था है। खुले आसमान और विस्तृत धरती का सही आनन्द लेने वाले पर्यटक अधिकतर भीमताल में ही रहना पसन्द करते हैं।
आवागमन
निकटतम रेलवे स्टेशन - काठगोदाम