कुमार विश्वास

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कुमार विश्वास
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कुमार विश्वास (जन्म: १० फरवरी १९७०) एक भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। वे आम आदमी पार्टी के नेता रह चुके हैं। उनका मूल नाम विश्वास कुमार शर्मा है। वे युवाओं के अत्यन्त प्रिय कवि हैं। हिंदी को भारत विश्व तक पुनः स्थापित करने वाले कुमार विश्वास के कविता के मंचन, वाचन, गायन के साथ साथ वकतृत्व प्रतिभा के भी धनी हैं। मंच संचालन, गायन, काव्य वाचन, पाठन, लेखन आदि सब विधाओं में निपुण कुमार विश्वास हिंदी के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।

प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा

कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी (वसन्त पंचमी), 1970 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के पिलखुआ में एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ॰ चन्द्रपाल शर्मा, आर एस एस डिग्री कॉलेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध), पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। वे चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। कुमार विश्वास की पत्नी का नाम मंजू शर्मा है। जिनसे उनकी दो बेटियां हैं जिनका नाम कुहू और अग्रता है।कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लाला गंगा सहाय विद्यालय, पिलखुआ से प्राप्त की। राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें इंजीनियर (अभियंता) बनाना चाहते थे। डॉ॰ कुमार विश्वास का मन मशीनों की पढ़ाई में नहीं लगा और उन्होंने बीच में ही वह पढ़ाई छोड़ दी। साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने के ख्याल से उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। तत्पश्चात उन्होंने "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएचडी प्राप्त किया। उनके इस शोध-कार्य को 2001 में पुरस्कृत भी किया गया।

जीवन वृत्ति

कुमार विश्वास ने अपना करियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 में शुरू किया। आज कुमार विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से एक हैं।साँचा:cn उन्होंने अब तक हज़ारों कवि-सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। साथ ही वह कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते हैं। विश्वास मंच के कवि होने के साथ साथ हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री के गीतकार भी हैं। उनके द्वारा लिखे गीत अगले कुछ दिनों में फ़िल्मों में दिखाई पड़ेगी। उन्होंने आदित्य दत्त की फ़िल्म 'चाय-गरम' में अभिनय भी किया है।

राजनीतिक जीवन

कुमार विश्वास अगस्त २०११ के दौरान जनलोकपाल आन्दोलन के लिए गठित टीम अन्ना के एक सक्रिय सदस्य रहे हैं।[१] वे २६ नवम्बर २०१२ को गठित आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। कुमार विश्‍वास ने अमेठी से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, परन्‍तु हार गए। [२]

राजनीति से रूठे कवि कुमार विश्वास कहते हैं "सियासत में मेरा खोया या पाया हो नहीं सकता। सृजन का बीज हूँ मिट्टी में जाया हो नहीं सकता।" उनका कहना है कि 'राजनीति 10 साल 5 साल लेकिन कविता हजार साल।'

कार्य और उपलब्धियां

कुमार विश्वास को श्रृंगार रस का कवि माना जाता है। उनके द्वारा लिखा काव्य संग्रह 'कोई दीवाना कहता है' युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय रहा। उन्होंने कई सुंदर कविताएं लिखी हैं जिनमे हिंदी कविता के नवरस मिलते हैं। उनके लिखे गीत कुछ फिल्मों आदि में भी उपयोग किये गए हैं। उन्होंने अपने से पूर्व में हुए महनीय कवियों को श्रद्धांजलि देते हुए 'तर्पण' नामक टीवी कार्यक्रम भी बनाया, जिसमे स्वयं विश्वास ने पुराने कवियों की कविताओं को अपना स्वर दिया है।

विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- 'इक पगली लड़की के बिन' (1996) और 'कोई दीवाना कहता है' (2007 और 2010 दो संस्करण में)। विख्यात लेखक स्वर्गीय धर्मवीर भारती ने डॉ॰ विश्वास को इस पीढ़ी का सबसे ज़्यादा सम्भावनाओं वाला कवि कहा है। प्रथम श्रेणी के हिन्दी गीतकार 'नीरज' जी ने उन्हें 'निशा-नियामक' की संज्ञा दी है। मशहूर हास्य कवि डॉ॰ सुरेन्द्र शर्मा ने उन्हें इस पीढ़ी का एकमात्र आई एस ओ:2006 कवि कहा है।

कुमार विश्वास ने 2018 हिंदी फिल्म परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण के लिए एक गीत डी दे जगह लिखा था।[३] विश्वास आज तक टेलीविजन चैनल पर केवी सम्मेलन नामक एक कॉमेडी शो होस्ट करता है जिसका पहली बार प्रीमियर 29 सितंबर 2018 को हुआ था।उन्होंने अभिषेक बच्चन, यामी गौतम और निम्रत कौर अभिनीत फिल्म दसवीं के लिए संवाद लिखे। फिल्म 7 अप्रैल 2022 को ऑनलाइन रिलीज हुई थी और उसे समीक्षकों से मिली-जुली समीक्षा और दर्शकों का भरपूर प्यार मिला |

मंच

कवि-सम्मेलनों और मुशायरों के क्षेत्र में भी डॉ॰ विश्वास एक अग्रणी कवि हैं। वो अब तक हज़ारों कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता-पाठ और संचालन कर चुके हैं। देश के सैकड़ों प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में उनके एकल कार्यक्रम होते रहे हैं। इनमें आई आई टी खड़गपुर, आई आई टी बी एच यू, आई एस एम धनबाद, आई आई टी रूड़की, आई आई टी भुवनेश्वर, आई आई एम लखनऊ, एन आई टी जलंधर, एन आई टी त्रिचि, इत्यादि कई संस्थान शामिल हैं। कई कॉर्पोरेट कंपनियों में भी डॉ॰ विश्वास को अक्सर कविता-पाठ के लिए बुलाया जाता है।

भारत के सैकड़ों छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्होंने कई अन्य देशों में भी अपनी काव्य-प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इनमें अमेरिका[४], दुबई[५], सिंगापुर[६] मस्कट, अबू धाबी और नेपाल जैसे देश शामिल हैं।

पुरस्कार

  1. डॉ॰ कुंवर बेचैन काव्य-सम्मान एवम पुरस्कार समिति द्वारा 1994 में 'काव्य-कुमार पुरस्कार'
  2. साहित्य भारती, उन्नाव द्वारा 2004 में 'डॉ॰ सुमन अलंकरण'
  3. हिन्दी-उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में 'साहित्य-श्री'[७]
  4. डॉ॰ उर्मिलेश जन चेतना मंच द्वारा 2010 में 'डॉ॰ उर्मिलेश गीत-श्री' सम्मान[८]

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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