सार्वजनिक विधि

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सरल शब्दों में, सार्वजनिक विधि (Public law) विधि का वह अंग है जो सरकार और विधिक व्यक्तियों के बीच संबन्धों को नियंत्रित करता है।

इस परिभाषा का कुछ विस्तार किया जाए तो कहा जा सकता है कि सार्वजनिक विधि, विधि का वह अंग है जो निम्नलिखित संबन्धों को नियंत्रित करता है -

1. सरकार और विधिक व्यक्तियों के बीच के संबन्ध,

2. एक राज्य के भीतर विभिन्न संस्थानों के बीच के संबन्ध,

3. सरकारों की विभिन्न शाखाओं के बीच के संबन्ध तथा

4. उन व्यक्तियों के बीच के संबन्ध, जो समाज से सीधे संबंधित हैं।

सार्वजनिक  विधि के अन्तर्गत निम्नलिखित विधियाँ आती हैं-

  • संवैधानिक विधि (Constitutional law),
  • प्रशासनिक विधि (Administrative law),
  • कर विधि (Tax law),
  • दंड विधि (Criminal law) और
  • सभी प्रक्रियात्मक विधियाँ (Procedural law)।

व्यक्तियों के बीच के संबन्ध निजी विधि (Private law) के अंतर्गत आते हैं।

सार्वजनिक विधि द्वारा नियंत्रित संबन्ध बराबरी के नहीं होते हैं और सरकारी निकाय(केंद्रीय या स्थानीय) व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में निर्णय ले सकते हैं। परन्तु विधि के शासन के सिद्धांत के आधार पर अधिकारी केवल विधि के अनुसार ही कार्य कर सकते हैं। सरकार से कानून का पालन करने की अपेक्षा की जाती है । उदाहरणार्थ, एक प्रशासनिक प्राधिकरण के निर्णय से असंतुष्ट नागरिक न्यायिक समीक्षा हेतु न्यायालय में आवेदन कर सकता है ।

सार्वजनिक और निजी विधि के बीच के अंतर को सर्वप्रथम रोमन न्यायविद अल्पिअन (Ulpian;170–228 ई॰) ने रेखांकित किया था। सार्वजनिक विधि और निजी विधि के बीच की सीमा रेखा  बहुत स्पष्ट नहीं है। विधि को "सरकार हेतु विधि " और "बाकी सभी के लिए विधि" में स्पष्टतः विभाजित नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, सार्वजनिक और निजी विधि के बीच का अंतर तथ्यात्मक न होकर व्यावहारिक है।

अल्पिअन ने सार्वजनिक और निजी विधि के अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि सार्वजनिक विधि का संबन्ध रोमन गणराज्य की व्यवस्था से है और निजी विधि का संबन्ध व्यक्तियों के हितों से है। उनके अनुसार कुछ मामले सार्वजनिक हित के होते हैं और कुछ निजी हित के होते हैं।इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक विधि को धार्मिक मामलों, पौरोहित्य और राज्य के कार्यालयों से संबन्धित विधि के रूप में परिभाषित किया है। रोमन विधि के अनुसार विधि ‘व्यक्तियों व व्यक्तियों’, ‘व्यक्तियों व वस्तुओं ’ और ‘व्यक्तियों व राज्य’ के बीच संबन्धों की एक श्रृंखला है। इन तीनों में से अन्तिम अर्थात् व्यक्तियों व राज्य के बीच का संबन्ध सार्वजनिक विधि के क्षेत्र में आता है। यद्यपि यह भी एक तथ्य है कि रोमन विधिज्ञों ने इस क्षेत्र पर बहुत कम ध्यान दिया और इसके बजाय निजी विधि के क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। परन्तु जर्मन कानूनी इतिहासकार ओट्टो वॉन गिर्के(Otto von Gierke) के अनुसार ट्यूटॉनिक समाज (Teutonic society) में इसका बहुत महत्व था। उन्होंने ट्यूटन लोगों को सार्वजनिक विधि के पिता की उपाधि दी है।

सिविल विधि(Civil law) और लोक विधि (Common law) की विधिक प्रणालियों में सार्वजनिक विधि का स्थान

परंपरागत रूप से, सार्वजनिक और निजी विधि के बीच विभाजन यूरोप में प्रचलित उन कानूनी प्रणालियों के संदर्भ में किया जाता है, जिनके कानून पूर्णतया सिविल विधि की परंपरा के अंतर्गत आते हैं। परन्तु सार्वजनिक और निजी का यह विभाजन सिविल विधि की विधिक प्रणाली पर पूरी तरह से लागू नहीं होता है। सरकार और विधि की सभी प्रणालियों में राज्य पर सार्वजनिक विधि के प्रभाव को देखते हुए, लोक विधि वाली विधिक प्रणाली में यह माना जाता है कि यह ज़रूरी नहीं है कि राज्य के लिए निषिद्ध किए गए कार्यों को निजी पक्षकारों के लिए प्रतिबन्धित किया जाए।

लम्बे समय तक, यूरोप के महाद्वीपीय कानून में सार्वजनिक विधि को उचित स्थान नहीं मिला था । कुल मिलाकर निजी विधि को ही सामान्य विधि माना जाता था। दूसरी ओर, सार्वजनिक विधि को इस सामान्य कानून का अपवाद माना जाता था।बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध के बाद निजी विधि के संविधानीकरण के साथ-साथ प्रशासनिक विधि और श्रम विधि, चिकित्सा विधि व उपभोक्ता विधि सहित विधि के विभिन्न व्यावहारिक क्षेत्रों का विकास हुआ और फलस्वरूप सार्वजनिक विधि ने यूरोपीय समाज में एक प्रमुख भूमिका निभानी शुरू कर दी। इस प्रकार सार्वजनिक विधि का दर्जा  ऊँचा हो गया और यह स्थापित हो गया कि विधि के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो राज्य के हस्तक्षेप से मुक्त हैं।उदाहरणार्थ, इटली में,   इमानुएल ऑरलैंडो के विचारों का अनुसरण करते हुए, सार्वजनिक विधि के विकास को राज्य-निर्माण की एक परियोजना माना जाता था। वास्तव में, ऑरलैंडो तथा कई प्रारंभिक इतालवी सार्वजनिक वकील राजनेता थे। फ्रांस जैसे देशों में ‘सार्वजनिक विधि’ शब्दावली का प्रयोग अब संवैधानिक विधि प्रशासनिक विधि और दंड विधि के लिए किया जाता है।