ससुराल (1961 फ़िल्म)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>हिंदुस्थान वासी द्वारा परिवर्तित १३:४५, १३ नवम्बर २०२१ का अवतरण (नया पृष्ठ: {{Infobox Film | name = ससुराल | image = ससुराल.jpg | caption = फ़िल्म का पोस्टर | director = टी॰ प्रकाश राव | producer = एल॰ वी॰ प्रसाद | writer = इन्दर राज आनन्द | dialogue = | starring = राजेन्द्र कुमार <br/> सरोजा देवी | music = ...)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
ससुराल
चित्र:ससुराल.jpg
फ़िल्म का पोस्टर
निर्देशक टी॰ प्रकाश राव
निर्माता एल॰ वी॰ प्रसाद
लेखक इन्दर राज आनन्द
अभिनेता राजेन्द्र कुमार
सरोजा देवी
संगीतकार शंकर-जयकिशन
प्रदर्शन साँचा:nowrap 1961
देश भारत
भाषा हिन्दी

साँचा:italic title

ससुराल 1961 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे एल॰ वी॰ प्रसाद ने निर्मित किया और टी॰ प्रकाश राव ने निर्देशित किया। इसकी मुख्य भूमिकाओं में राजेन्द्र कुमार, सरोजा देवी, महमूद, ललिता पवार और शुभा खोटे हैं। इस हिट फ़िल्म का संगीत शंकर-जयकिशन का है।

संक्षेप

शेखर (राजेन्द्र कुमार) अपने मामा धरमदास, अपनी मामी, ममेरी बहन सीता (शुभा खोटे) के साथ रहता है। सीता अपने पति महेश (महमूद) से अलग हो गई है। उसकी एक बहन गौरी भी है जो अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। वह कॉलेज में धनी साथी, बेला (सरोजा देवी) के साथ पढ़ता है। दोनों की आपस में नहीं बनती, लेकिन हालत तब बदल जाते हैं जब बेला के पिता ठाकुर को शेखर के अच्छे चरित्र के बारे में पता चलता है। वह सोचते हैं कि वह अच्छा दामाद बनेगा। वह धरमदास के पास जाते हैं और इस शर्त पर उनकी शादी करते हैं कि शेखर घर जमाई बन जाएगा, जिसके लिए धरमदास और शेखर मान जाते हैं।

हालाँकि बेला की माँ नाराज़ हैं, क्योंकि वह चाहती हैं कि उनकी बेटी की शादी उनके कर्मचारी गोविंदराम के बेटे राजन मुरारी (अनवर हुसैन) से हो। इसके बावजूद शादी होती है और शेखर अपने ससुराल में चला जाता है। परिवार काफी सामंजस्यपूर्ण संबंध में बस जाता है। उनकी जीवन शैली तब बिखर जाती है जब बेला को संदेह होता है और फिर इस बात का सबूत मिलता है कि सीता और महेश, जो अब फिर से मिल गए हैं, ने उसका हीरे का हार चुरा लिया है। यह भी पता चलता है कि शेखर का किसी लड़की के साथ अफेयर चल रहा है; कि उसने 10,000/- रुपये का गबन कर लिया है और 3 दिनों के लिए किसी अज्ञात स्थान पर चला गया है। हालात और भी बदतर हो जाते हैं जब ठाकुर के साथ दुर्घटना हो जाती है और बाद में उनकी मृत्यु हो जाती है।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."क्या मिल गया हाय क्या खो गया"शैलेन्द्रलता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी3:29
2."सुन ले मेरी पायलों के गीत साजना"शैलेन्द्रलता मंगेशकर3:28
3."ये अलबेला तौर ना देखा"शैलेन्द्रमोहम्मद रफ़ी3:20
4."तेरी प्यारी प्यारी सूरत को"हसरत जयपुरीमोहम्मद रफ़ी5:20
5."सता ले ऐ जहाँ कभी ना खोलेंगे ज़ुबाँ"शैलेन्द्रमुकेश3:31
6."अपनी उल्फ़त पे ज़माने का पहरा"हसरत जयपुरीमुकेश, लता मंगेशकर3:23
7."जाना तुम्हारे प्यार में शैतान बन गया हूँ"हसरत जयपुरीमुकेश3:24
8."एक सवाल मैं करूँ एक सवाल तुम करो"शैलेन्द्रमोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर3:29

नामांकन और पुरस्कार

साँचा:awards table |- | rowspan="4"| 1962 | महमूद | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | साँचा:nom |- | शुभा खोटे | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | साँचा:nom |- | मोहम्मद रफ़ी ("तेरी प्यारी प्यारी सूरत को") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | साँचा:won |- | हसरत जयपुरी ("तेरी प्यारी प्यारी सूरत को") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | साँचा:nom |}

बाहरी कड़ियाँ