सी. एम. पूनाचा
सी॰ एम॰ पूनाचा | |
---|---|
13वें ओड़िशा के राज्यपाल
| |
पद बहाल 1 सितम्बर 1982 – 17 अगस्त 1983 | |
मुख्यमंत्री | जानकी बल्लभ पटनायक |
पूर्वा धिकारी | रंगनाथ मिस्रा साँचा:small |
उत्तरा धिकारी | बिसम्भर नाथ पांडे |
पद बहाल 4 नवम्बर 1980 – 24 जून 1982 | |
मुख्यमंत्री | जानकी बल्लभ पटनायक |
पूर्वा धिकारी | एस॰ के॰ रे साँचा:small |
उत्तरा धिकारी | रंगनाथ मिस्रा साँचा:small |
पद बहाल 30 अप्रैल 1980 – 30 सितम्बर 1980 | |
मुख्यमंत्री | जानकी बल्लभ पटनायक |
पूर्वा धिकारी | बी॰ डी॰ शर्मा |
उत्तरा धिकारी | एस॰ के॰ रे साँचा:small |
पद बहाल 17 अगस्त 1978 – 29 अप्रैल 1980 | |
मुख्यमंत्री | विरेन्द्र कुमार सखलेचा सुंदर लाल पटवा |
पूर्वा धिकारी | एन॰ एन॰ वाञ्चू |
उत्तरा धिकारी | बी॰ डी॰ शर्मा |
8वें रेलमंत्री
| |
पद बहाल 30 मार्च 1967 – 14 फरवरी 1969 | |
प्रधानमंत्री | इन्दिरा गांधी |
पूर्वा धिकारी | एस॰ के॰ पाटिल |
उत्तरा धिकारी | राम सुभग सिंह |
पद बहाल 27 मार्च 1952 – 31 अक्टूबर 1956 | |
मुख्य आयुक्त | दया सिंह बेदी |
पूर्वा धिकारी | कार्यालय स्थापित |
उत्तरा धिकारी | कार्यालय समाप्त |
पद बहाल 15 फरवरी 1969 – 17 मार्च 1971 | |
चुनाव-क्षेत्र | मंगलुरू |
कार्यकाल जनवरी 25, 1966-मार्च 12, 1967 | |
चुनाव-क्षेत्र | मैसूर राज्य, राज्यसभा |
कार्यकाल 1 जनवरी 1966-24 जनवरी 1966 | |
चुनाव-क्षेत्र | मैसूर राज्य, राज्यसभा |
कार्यकाल 1957-1962 | |
चुनाव-क्षेत्र | विराजपेट |
कार्यकाल 1956-1962 | |
चुनाव-क्षेत्र | विराजपेट |
कार्यकाल 1952-1956 | |
चुनाव-क्षेत्र | बेरियाथनाड |
पद बहाल 1967–1971 | |
पूर्वा धिकारी | अधर शंकर अल्वा |
उत्तरा धिकारी | के॰ के॰ शेट्टी |
बहुमत | 28522 |
कार्यकाल 3 अप्रैल 1964-25 फ़रवरी 1967 | |
उत्तरा धिकारी | टी॰ सिद्धालिंगया |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
जन्म का नाम | चेप्पुदिरा मुथन्ना पूनाचा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
बच्चे | सी॰ पी॰ बेल्लियप्पा और कावेरी नाम्बिसन समेत 4 |
व्यवसाय | स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता |
साँचा:center |
चेप्पूदिरा मुथाना पूनाचा (1910 -1990), जिन्हें आमतौर पर सी॰ एम॰ पूनाचा के नाम से जाना जाता है, एक स्वतंत्रता सेनानी तथा राजनेता थे। वे कूर्ग राज्य से भारत की संविधान सभा के सदस्य चुने गए थे, जो एक छोटा राज्य था। स्वतंत्रता के बाद वह कूर्ग राज्य के मुख्यमंत्री बने। 1 नवम्बर 1956 को कूर्ग राज्य का मैसूर स्टेट (कर्नाटक) में विलय कर दिया गया।
जीवन परिचय
सी॰ एम॰ पूनाचा का जन्म 16 जून 1910 को कूर्ग में हुआ था। उन्होंने कुर्ग में 'मरकरा विराजपेट' तथा 'सेंट अलायसिस कॉलेज', मंगलौर से शिक्षा प्राप्त की। अपने विद्यार्थी जीवन में ही पूनाचा 'भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन' में रुचि होने के कारण अध्ययन छोड़कर सन 1930 में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये। सन 1932 तथा 1933 में उन्हें दो बार कारावास की सज़ा मिली। इसके बाद 1940 - 1941 में व्यक्तिगत रूप से सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें फिर से कारावास की सज़ा काटनी पड़ी। पूनाचा वर्ष 1942 - 1944 में भारत छोड़ो आन्दोलन में नजरबंद रहे।
राजनीति में सक्रियता
वर्ष 1935 में पूनाचा कूर्ग ज़िला कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी रहे। 1938 में प्रान्तीय कमेटी की कार्यकारिणी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा कुर्ग ज़िला बोर्ड के लिए निर्वाचित हुए तथा 1941 में इसके अध्यक्ष भी रहे। वे सन 1945-1951 तक परिषद के कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे। वे 1947-1951 में संविधान सभा के सदस्य तथा अस्थायी संसद के सदस्य रहे।
देश की आज़ादी के बाद सी. एम. पुनाचा (27 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1956) तक कुर्ग राज्य के मुख्यमंत्री बने। 1 नवम्बर 1956 को कूर्ग राज्य का मैसूर स्टेट (कर्नाटक) में विलय कर दिया गया।
कूर्ग राज्य के विलय के बाद वह मैसूर स्टेट (कर्नाटक) के (1956 - 62) तक उद्योग तथा वाणिज्य मंत्री बनाये गये, तथा (1957 - 62) तक वह मैसूर स्टेट (कर्नाटक) के गृह मंत्री का पदभार संभाला।
1964 में उन्हें मैसूर स्टेट (कर्नाटक) से राज्यसभा के लिए चुना गया। (1 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966) तक उन्होंने केन्द्र में वित्त (राज्यमंत्री) का पदभार संभाला।
(25 जनवरी 1966 से 12 मार्च 1967) तक वह केन्द्र की सरकार में परिवहन, विमानन, शिपिंग और पर्यटन (राज्यमंत्री) बने। 1967 के संसदीय चुनाव में वह मैंगलोर लोकसभा सीट से विजयी हुए और (30 मार्च 1967 से 14 फरवरी 1969) तक केन्द्र की इन्दिरा गांधी सरकार में उन्होंने भारत के रेलमंत्री तथा (15 फरवरी 1969 से 17 मार्च 1971) तक इस्पात और भारी इंजीनियरिंग मंत्री के रूप में पदभार संभाला।
1971 के संसदीय चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। (17 अगस्त 1978 से 29 अप्रैल 1980) तक उन्होने मध्यप्रदेश के राज्यपाल के रूप में सेवा प्रदान की।
(30 अप्रैल 1980 से 17 अगस्त 1983) तक वह तीन बार उड़ीसा के राज्यपाल नियुक्त किया गया। राजनीति के खिलाड़ी सी. एम. पुनाचा का निधन 3 अगस्त, 1990 को हुआ।