मन की आँखें

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मन की आँखें
चित्र:मन की आँखें.jpg
निर्देशक रघुनाथ झलानी
निर्माता आई॰ ए॰ नाडियाडवाला
अभिनेता धर्मेन्द्र,
वहीदा रहमान,
ललिता पवार
संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
प्रदर्शन साँचा:nowrap 1970
देश भारत
भाषा हिन्दी

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मन की आँखें 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन रघुनाथ झलानी ने किया और इसकी मुख्य भूमिकाओं में धर्मेन्द्र और वहीदा रहमान ने अभिनय किया। फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का है।

संक्षेप

कई वर्षों तक दिल्ली में एक शिक्षक के रूप में काम करने के बाद, मास्टर दीनानाथ (मनमोहन कृष्णा) अपने जीवन के बाकी दिन गुजारने के लिये एक छोटे से गाँव में रहने का फैसला करते हैं। वह पास के स्कूल में पढ़ाना जारी रखते हैं। उनका वेतन वह आजीविका है जिस पर वह, उनकी पत्नी और उनकी बेटी, गीता उर्फ ​​गुड्डी, अपने अस्तित्व के लिए निर्भर हैं। जब उनका एक पूर्व छात्र राजेश अग्रवाल (धर्मेन्द्र) अपने फल और बागान व्यवसाय की देखभाल के लिए दिल्ली से आता है, तो दीनानाथ उसका घर में स्वागत करता है। कुछ ही समय बाद गीता (वहीदा रहमान) और राजेश प्यार में पड़ जाते हैं और एक सादे समारोह में शादी कर लेते हैं।

राजेश अपनी मां और बड़े विवाहित भाई नरेश को बताने से पहले गीता से शादी करना चाहता था। क्योंकि उसे डर है कि उसकी माँ दहेज की मांग करेंगी और उसे गीता से शादी करने से मना कर सकती है। उसे उम्मीद है कि वह आखिरकार गीता को अपनी बहू के रूप में स्वीकार करेंगी। इसी आशा के साथ वे दिल्ली के लिए प्रस्थान करते हैं। कुछ महीने बाद, दीनानाथ और उसकी पत्नी को गीता का पत्र मिला जिसमें बताया गया कि सब ठीक है और उसकी सास का गुस्सा कम हो गया है। इस खबर से प्रसन्न होकर, दीनानाथ ने उसके महलनुमा घर में गीता से मिलने का फैसला किया।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत साहिर लुधियानवी[१] द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."चल भी आ आजा रसिया"लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी5:28
2."बहुत देर तुमने सताया है मुझको"आशा भोंसले5:34
3."क्या तुम वही हो"सुमन कल्याणपुर, मोहम्मद रफ़ी5:20
4."ए री माँ गौरी माँ"आशा भोंसले5:55
5."आँखें शराब की"मन्ना डे, लता मंगेशकर4:40
6."दिल कहे रुक जा रे रुक जा"मोहम्मद रफ़ी5:53

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ