हरिसिंह देव

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हरिसिंह देव कर्नाट वंश के राजा थें, जिसने आधुनिक भारत और आधुनिक नेपाल के मिथिला क्षेत्र पर शासन किया था।[२]

हरिसिंह देव ने 1295-1324 ई तक शासन किया था।[३]

वह मिथिला के कर्नाट वंश से संबंधित अंतिम राजा होने के लिए उल्लेखनीय थे। इस्लामिक आक्रमण के बाद उनका शासन समाप्त हो गया और उन्हें नेपाल की पहाड़ियों की ओर भागने को मजबूर होना पड़ा। उनके वंशज अंततः काठमांडू के मल्ल वंश के संस्थापक बने जो मैथिली भाषा के संरक्षक होने के लिए जाने जाते थें।[४]

विरासत

मिथिला के इतिहास में हरिसिंह देव के शासनकाल को एक महत्वपूर्ण मोड़ माना गया है। उन्होंने कई सामाजिक परिवर्तन किए जैसे कि मैथिल ब्राह्मणों के लिए चार वर्ग प्रणाली की शुरूआत और पंजी व्यवस्था को विकसित किया।[५] माना जाता है कि उनका बहुत ही तूफानी राजनीतिक जीवन रहा था और उनके किलों के अवशेष आज भी सिम्रौनगढ़ में दिखाई देते हैं। उनके वंशजों ने अंततः नेपाल के मल्ल वंश की स्थापना की जिसने लगभग 300 वर्षों तक शासन किया।[६]

सन्दर्भ