एकाम्बरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Hunnjazal द्वारा परिवर्तित १८:००, ३० दिसम्बर २०२० का अवतरण (HotCat द्वारा श्रेणी:तमिलनाडु के हिन्दू मन्दिर हटाई; श्रेणी:तमिल नाडु में हिन्दू मन्दिर जोड़ी)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
एकाम्बरेश्वर मंदिर
Ekambareswar Temple
ஏகாம்பரநாதர் கோயில்
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found।
एकाम्बरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धतासाँचा:br separated entries
देवताएकाम्बरनाथ (शिव)
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिसाँचा:if empty
ज़िलाकांचीपुरम ज़िला
राज्यतमिल नाडु
देशसाँचा:flag/core
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 408 पर: Malformed coordinates value।
भौगोलिक निर्देशांकसाँचा:coord
वास्तु विवरण
प्रकारद्रविड़ वास्तुशैली
निर्मातासाँचा:if empty
ध्वंससाँचा:ifempty
साँचा:designation/divbox
साँचा:designation/divbox

साँचा:template otherस्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main other

एकाम्बरेश्वर मंदिर (Ekambareswar Temple) या एकाम्बरनाथ मंदिर (Ekambarnath Temple) भारत के तमिल नाडु राज्य के कांचीपुरम तीर्थ-नगर में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है। कांचीपुरम के इस मंदिर, वरदराज पेरुमाल मंदिर और कामाक्षी अम्मन मंदिर को सामूहिक रूप से "मूमुर्तिवासम" कहा जाता है, यानि "त्रिमूर्तिवास" (तमिल भाषा में "मू" से तात्पर्य "तीन" है)।[१][२]

विवरण

ऐसा मना जाता है की मंदिर मे अनेक बरसों से एक आम का पेड़ है जो लगभग ३५००-४००० वर्ष पुराना है। इस पेड़ की हर शाखा पर अलग-अलग रंग के आम लगते है और इनका स्वाद भी अलग अलग है। इस पेड़ के नीचे माँ पार्वती ने भगवान महादेव शिव की पूजा की थी और माता पार्वती शिव जी को प्रपात करने के लिए उसी आम के पेड़ के नीचे मिटटी या बालू से ही एक शिवलिंग बना कर घोर तेपस्य करनी शरू कर दी| जब शिव ने ध्यान पर पार्वती जी को तेपस्य करते हए देखा तो महादेव ने माता पार्वती की परीक्षा लेने के उद्देश्य से अपनी जटा से गंगा जल से सब जगह पानी पानी कर दिया। जल के तेज गति से पूजा मे बाधा पड़ने लगी तो माता पार्वती ने उस शिवलिंग जिसकी वह पूजा कर रही थी उसे गले लगा लिया जिसे से शिव लिंग को कोई नुकसान न हो। भगवान शंकर जी यह सब देख कर बहुत खुश हए और माता पार्वती को दर्शन दिये। शिव जी ने माता पार्वती से वरदान मांगने को कहा तो माता पार्वती ने विवाह की इच्छा व्यक्त की। महादेव ने माता पार्वती से विवाह कर लिया। आज भी मंदिर के अंदर वह आम का पेड़ हरा भरा देखा जा सकता है। माता पार्वती और शिव जी को समर्पित यह मंदिर एकबारनाथ मंदिर है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।