एकाम्बरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम
एकाम्बरेश्वर मंदिर | |
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Ekambareswar Temple ஏகாம்பரநாதர் கோயில் | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | एकाम्बरनाथ (शिव) |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | कांचीपुरम ज़िला |
राज्य | तमिल नाडु |
देश | साँचा:flag/core |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | द्रविड़ वास्तुशैली |
निर्माता | साँचा:if empty |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
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एकाम्बरेश्वर मंदिर (Ekambareswar Temple) या एकाम्बरनाथ मंदिर (Ekambarnath Temple) भारत के तमिल नाडु राज्य के कांचीपुरम तीर्थ-नगर में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है। कांचीपुरम के इस मंदिर, वरदराज पेरुमाल मंदिर और कामाक्षी अम्मन मंदिर को सामूहिक रूप से "मूमुर्तिवासम" कहा जाता है, यानि "त्रिमूर्तिवास" (तमिल भाषा में "मू" से तात्पर्य "तीन" है)।[१][२]
विवरण
ऐसा मना जाता है की मंदिर मे अनेक बरसों से एक आम का पेड़ है जो लगभग ३५००-४००० वर्ष पुराना है। इस पेड़ की हर शाखा पर अलग-अलग रंग के आम लगते है और इनका स्वाद भी अलग अलग है। इस पेड़ के नीचे माँ पार्वती ने भगवान महादेव शिव की पूजा की थी और माता पार्वती शिव जी को प्रपात करने के लिए उसी आम के पेड़ के नीचे मिटटी या बालू से ही एक शिवलिंग बना कर घोर तेपस्य करनी शरू कर दी| जब शिव ने ध्यान पर पार्वती जी को तेपस्य करते हए देखा तो महादेव ने माता पार्वती की परीक्षा लेने के उद्देश्य से अपनी जटा से गंगा जल से सब जगह पानी पानी कर दिया। जल के तेज गति से पूजा मे बाधा पड़ने लगी तो माता पार्वती ने उस शिवलिंग जिसकी वह पूजा कर रही थी उसे गले लगा लिया जिसे से शिव लिंग को कोई नुकसान न हो। भगवान शंकर जी यह सब देख कर बहुत खुश हए और माता पार्वती को दर्शन दिये। शिव जी ने माता पार्वती से वरदान मांगने को कहा तो माता पार्वती ने विवाह की इच्छा व्यक्त की। महादेव ने माता पार्वती से विवाह कर लिया। आज भी मंदिर के अंदर वह आम का पेड़ हरा भरा देखा जा सकता है। माता पार्वती और शिव जी को समर्पित यह मंदिर एकबारनाथ मंदिर है।