जादौन

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करौली स्थित तिमन गढ़ किले का दृश्य। कहा जाता है कि इसकी नींव 2 शताब्दी ईस्वी में रखी गई थी।

जादौन या जादों अहीर[१]राजपूत जाति का गोत्र है।[२] बंजारा जाति के एक समुदाय को भी जादोन नाम से जाना जाता है।[३]

एक समय जलेसरकरौली राज्यों पर जादौन[४] राज परिवारों का शासन रहा है। इनका निकास मथुरा के अहीर शासकों से है।[५][६] करौली के राज परिवार की कुलदेवी कैला देवी (योगमाया) हैं[७] जो कि कृष्ण की बहन, नंदबाबायशोदा की पुत्री तथा यदुवंशी थी। गोकुल में नंद की पुत्री कैला से बदल कर वसुदेव ने कृष्ण को कंस के हाथों मृत्यु से बचाया था। कंस जब देवकी की आठवीं संतान को मारने कारागार पहुंचा एवं मारने लगा तो वह देवी रूप में प्रकट होकर आकाश में चली गई। जो स्वयं देवी योगमाया थी।[८]

सन्दर्भ

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