चन्द्रगुप्त मौर्य के पूर्वज
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चन्द्रगुप्त मौर्य अखंड भारत के संस्थापक और नन्दवंश के धनानन्द का अंत किया था।
चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पिता राजा सर्वार्थसिद्धी मौर्य पिप्पलिवन के मोरिय नगर प्रमुख थे। जब वह गर्भ में ही था तब उसके पिता की मृत्यु युद्धभूमि में हो गयी थी। उसका पाटलिपुत्र में जन्म हुआ था , उसके कुछ वर्षो बाद मां धर्मा मोरिया की भी मृत्यु हो गई तथा चंद्रगुप्त का वहां के गोपालको ने पालन—पोषन किया। गोपालकों की भेड़ों को चराने गए चंद्रगुप्त को बालक रूप में ही क्षत्रिय राजा-गुण होने का पता चाणक्य ने कर लिया था तथा उसे एक हजार में कषार्पण में मुक्त करवाया। तत्पश्चात् तक्षशिला लाकर सभी विद्या में निपुण बनाया। अध्ययन के दौरान ही सम्भवतः चन्द्रगुप्त सिकन्दर से मिला था। ३२३ ई. पू. में सिकन्दर की मृत्यु हो गयी तथा उत्तरी सिन्धु घाटी में प्रमुख यूनानी क्षत्रप फिलिप द्वितीय की हत्या हो गई।साँचा:cn