चौबीस अवतार
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चौबीस अवतार, दशम ग्रन्थ का एक भाग है जिसमें विष्णु के चौबीस अवतारों का वर्णन है। परम्परा से तथा ऐतिहासिक रूप से यह गुरु गोबिन्द सिंह की रचना मानी जाती है। यह रचना दशम ग्रन्थ का लगभग ३० प्रतिशत है जिसमें ५५७१ श्लोक हैं। इसमें कृष्ण अवतार तथा राम अवतार क्रमशः २४९२ श्लोक एवं ८६४ श्लोक हैं। कल्कि अवतार में ५८६ श्लोक हैं।
श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान विष्णु के चौबीस अवतार
श्रीमद्भागवत में अवतारों की मुख्यतः दो सूचियाँ हैं।[१] दोनों को मिलाकर 24 अवतारों के नाम इस प्रकार हैं:
- सनकादि
- पृथु
- वराह
- यज्ञ (सुयज्ञ)
- कपिल
- दत्तात्रेय
- नर-नारायण
- ऋषभदेव
- हयग्रीव
- मत्स्य
- कूर्म
- धन्वन्तरि
- मोहिनी
- गजेन्द्र-मोक्षदाता
- नरसिंह
- वामन
- हंस
- परशुराम
- राम
- वेदव्यास
- नारद
- कृष्ण
- वेंकटेश्वर
- कल्कि
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ श्रीमद्भागवत महापुराण-1.3.6से25; तथा 2.7.1से38, गीताप्रेस गोरखपुर