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बौद्ध धर्म के महायान सम्प्रदाय में भैषज्यगुरु रोगों से मुक्ति देने वाले बुद्ध हैं। भैषज्यगुरु वह वैद्य हैं जो अपने उपदेशों के द्वारा दुखों का नाश करते हैं।
धारणी और मन्त्र
- नमो भगवते भैषज्यगुरु वैडूर्यप्रभराजाय
- तथागताय अर्हते सम्यक्संबुद्धाय तद्यथा
- ॐ भैषज्ये भैषज्ये भैषज्य-समुद्गते स्वाहा
- तद्यथा ॐ भैषज्ये भैषज्ये भैषज्य-समुद्गते स्वाहा
बारह प्रतिज्ञाएँ
- (१) तेन खलु पुनर्भिक्षवः समयेन इदं बुद्धक्षेत्रमपगतपापं भविष्यति अपगतमातृग्रामं च। सर्वे च ते सत्त्वा औपपादुका भविष्यन्ति ब्रह्मचारिणो मनोमयैरात्मभावैः स्वयंप्रभा ऋद्धिमन्तो वैहायसंगमा वीर्यवन्तः स्मृतिमन्तः प्रज्ञावन्तः सुवर्णवर्णैः समुच्छ्रयैर्द्वात्रिंशद्भिर्महापुरुषलक्षणैः समलंकृतविग्रहाः।
इन्हें भी देखें