कविता खाँ कविता तार्इं

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कविता खाँ कविता तार्इं  
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कविता खाँ कविता तार्इं
लेखक सतीश रोहरा
देश भारत
भाषा सिन्धी भाषा

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कविता खाँ कविता तार्इं सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार सतीश रोहरा द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2004 में सिन्धी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[१]

*सिन्धु वारनि खे सलामु*

सिन्धु वारनि खे सव सलाम कयो ! सिन्धु वारनि खे सव सलाम कयो ! सिन्धी ॿोलीअ में जिनि क़लामु कयो !!

अंग्रेज़ी ! ॿोले न अंग्रेज़ बणो ! अंग्रेज़ी ! ॿोले न अंग्रेज़ बणो ! सिन्धी थियण ते सदाईं मानु कयो !!

ॿियनि जे बाबनि खे पूॼिण जे बदिरां ! ॿियनि जे बाबनि खे पूॼिण जे बदिरां ! पंहिंजे वॾिड़नि जी शेवा जामु कयो !!

सिन्धु वारनि खे सव सलाम कयो ! सिन्धु वारनि खे सव सलाम कयो ! सिन्धी ॿोलीअ में जिनि क़लामु कयो !!

साईं ! चवंदी आ, सभखे सिन्धी ! साईं ! चवंदी आ, सभखे सिन्धी ! जहिंमें वेदनि जो ज्ञानु, आहे भरियो !!

ॿोली ! ॿोलनि जो ढेरु नाहे निजो ! ॿोली ! ॿोलनि जो ढेरु नाहे निजो ! ॿोलीअ ! बांदर मां, इन्सानु कयो !!

सिन्धु वारनि खे सव सलाम कयो ! सिन्धु वारनि खे सव सलाम कयो ! सिन्धी ॿोलीअ में जिनि क़लामु कयो !!

प्रेमु तनवाणी - 9685943880

साभार

डॉ लाल थदानी पूर्व अध्यक्ष राजस्थान सिन्धी अकादमी जयपुर ।

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