सागर (राजा)
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सागर जैन धर्म के अनुसार दूसरे चक्रवर्ति राजा थे।
जैन परंपरा
जैन परंपरा, सागारा था छोटे भाई के भगवान अजितनाथ (द्वितीय तीर्थंकर).[१] वह पैदा हुआ था करने के लिए क्षत्रिय राजा सुमित्रा और रानी Vijayanti (Yasomati) के Ikshvaku राजवंश में अयोध्याहै। [१] वह दूसरा था, चक्रवर्ती शासक के वर्तमान आधा समय चक्र (Avasarpini) के जैन ब्रह्माण्ड विज्ञान विजय प्राप्त की, जो दुनिया के साथ अपने सात जवाहरात.[२] अपने क्वींस थे सुमति और भद्रा है। [१] उन्होंने साठ हजार पुत्रों से उसकी रानियों, Janhu होने के ज्येष्ठ. Janhu बाढ़ आ गई नागा के साथ राज्य के जल नदी गंगाहै। इस व्यथित नागा राजा, जो जला के सब पुत्र सगर गुस्से में है। सागारा जगह तो भगीरथ, अपने पोते, पर सिंहासन और पहली बार के लिए छोड़ दिया तपस्या है। [३][४]
इन्हें भी देखें
नोट
- ↑ अ आ इ Umakant P. Shah 1987, पृ॰ 72.
- ↑ Jacobi 2015, पृ॰ 199.
- ↑ McKay 2013, पृ॰ 151.
- ↑ von Glasenapp 1999, पृ॰ 298.
सन्दर्भ
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