यमनी गृहयुद्ध (2015–वर्तमान)
यमनी गृहयुद्ध यमन के पूर्व और वर्तमान राष्ट्रपतियों के वफादार गुटों के बीच चल रहा युद्ध है।[५४] राजधानी सना में स्थित होऊथी बलों जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के प्रति वफादार बलों का समर्थन प्राप्त हैं और अदन में स्थित मंसूर हादी की सरकार, के बीच यह युद्ध चल रहा हैं। अरब प्रायद्वीप में अल कायदा (AQAP) और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांत भी देश में कब्जे की लिए हमले कर रहे हैं।
21 मार्च को, साना पर यमनी सरकार से कब्ज़ा लेने के बाद, होऊथी के नेतृत्व वाली सुप्रीम क्रांतिकारी समिति ने हादी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जंग घोषित कर दी, और दक्षिणी प्रांतों में नियंत्रण हेतु कूच करने लगे।[५५] होऊथी आक्रामक सेना, सालेह के प्रति वफादार सैन्य बलों के साथ, लहिज प्रान्त में अगले दिन ही हमला कर दिया। 25 मार्च तक, लहिज हौथिस के हाथो में आ गया, और वे अदन जोकि हादी की सरकार की सत्ता का केंद्र हैं के बाहरी इलाके तक पहुच गए।[५६] हादी उसी दिन देश से भाग गया। समवर्ती, सऊदी अरब के नेतृत्व में एक गठबंधन बनाया गया जोकि पूर्व यमनी सरकार बहाल करने के लिए के हवाई हमले करने लगे और संयुक्त राज्य अमेरिका भी इस अभियान के लिए खुफिया और सैन्य सहायता प्रदान करने को तयार हो गया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मार्च 2015 से जनवरी 2017 तक,10,000 नागरिकों सहित कुल 16,200 लोगों यमन में मारे जा चुके हैं।
पृष्ठभूमि
अंसार अल्लाह, जोकि हौथीस के नाम से भी लोकप्रिय हैं, सऊदी अरब के साथ यमन के उत्तरी सीमा पर पहाड़ी इलाको को समूह के साथ नियंत्रित करता था, उसने 2004 में यमनी सरकार के खिलाफ छोटे स्तर पर विद्रोह अभियान छेड़ रखा था।[५७] हलाकि उनके बीच कई बार शांति समझौते हुए पर सभी असफल रहे। 2009 में होऊथी उग्रवाद और यमनी सरकार के बीच मामला गरम हो गया, हलाकि पड़ोसी सऊदी अरब के हस्तक्छेप के बाद,एक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।[५८][५९] 2011 के यमनी क्रांति के प्रारंभिक चरण के दौरान, होऊथी नेता अब्दुल मलिक अल-होऊथी ने राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के इस्तीफे के लिए चल रहे प्रदर्शनों को अपने समर्थन की घोषणा कर दी।[६०] बाद में सालेह इस्तीफे के लिए तैयार हो गए, हौथीस उत्तरी यमन में सुन्नी बहुल गांव दम्मज को घेर कर, सदाह के आभासी स्वायत्तता प्राप्त करने की ओर एक कदम बढ़ा दिया।[६१]
2012 में अब्दराब्बुह मंसूर हादी के कार्यालय को दो साल बढ़ाने के लिए हुए चुनाव का हौथीस ने बहिस्कार किया, उसने एक राष्ट्रीय संवाद सम्मेलन में भाग लिया, लेकिन 2014 के शुरू में हादी सरकार के 1 वर्ष और बढ़ाने के जनादेश पर रोष जताया।[६२][६३] इस बीच, उत्तरी यमन में हौथीस और सुन्नी कबीलों के बीच संघर्ष ,अन्य प्रशासनिक क्षेत्रो के साथ 2014 के मध्य तक साना प्रशासनिक तक फैल गया।[६४] हादी प्रशासन के खिलाफ कई हफ्तों तक सड़कों पर प्रदर्शन करने के बाद, हौथीस जनरल अली मोहसिन अल-अहमर के नेतृत्व में यमन सेनाबलों के साथ लड़ने के लिए आगे आ गए। लड़ाई केवल कुछ दिन तक ही चली, होऊथी सेनानियों ने सितंबर 2014 में यमनी राजधानी सना, में नियंत्रण कर लिया।[६५] हौथीस ने हादी को हिंसा खत्म करने के लिए समझौते पर बुलाया, आखिर में सरकार को इस्तीफा देना पड़ा और हौथीस का राज्य संस्थाओं और देश की राजनीति पर कब्ज़ा हो गया।[६६][६७]
जनवरी 2015 में, देश को छह संघीय क्षेत्रों में विभाजित करने के प्रस्ताव से नाखुश,[६८] होऊथी सेनानियों ने सना में राष्ट्रपति पद के परिसर पर कब्जा किया। इसके साथ ही होऊथी राजनीतिक नेतृत्व ने 6 फरवरी 2015 को संसद को भंग कर देश पर शासन करने के लिए एक क्रांतिकारी समिति के गठन की घोषणा दी।
21 फरवरी को, होऊथी सेनाओ द्वारा राजधानी सना में हादी को उनके आवास पर नजरबन्द करने के एक महीने बाद ही हादी वह से भाग निकलने में सफल रहे और भाग कर अदन आ गए। अपने गृहनगर में एक टेलीविजन के माध्यम से हादी ने अपने संबोधन में कहा कि होऊथी अधिग्रहण अवैध था और वह अब भी यमन के संवैधानिक राष्ट्रपति हैं।[६९][७०][७१] देश के पूर्व राष्ट्रपति, अली अब्दुल्ला सालेह, जिन पर हौथीस की सहायता करने का आरोप लग चूका हैं ने सार्वजनिक रूप से हादी की निंदा की और उन्हें निर्वासन में जाने के लिए कहा।[७२]
सन्दर्भ
- ↑ name="The Integration Of Southern Yemeni's in Aqap">साँचा:cite news
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- ↑ "Северокорейские ракеты против саудовских комплексов Patriot स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।". Voyennoye Obozreniye. 10 October 2015.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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