अबू हनीफ़ा

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अबू हनीफ़ा

नौमान इब्न साबित इब्न ज़ूता इब्न मर्ज़ुबान (इसलामी अक्षरांकन)
पूरा नाम अबू हनीफ़ा
जन्म साँचा:br separated entries
देहांत साँचा:br separated entries
युग इस्लामी स्वर्ण युग
क्षेत्र कूफ़ा
मुख्य रुचियाँ न्याय शास्त्र
उल्लेखनीय विचार इस्तिहसान

नोमान इब्न साइत इब्न ज़ौता इब्न मरज़ुबान (फारसी : ابوحنیفه, अरबी : نعمان بن ثابت بن زوطا بن مرزبان), जो अबू हनीफ़ा (हनीफ़ा के पिता) के नाम से मशहूर हैं और इन्हें इसी नाम से भी जाना जाता है (जन्म : 699 ई. मृत्यु 767 ई / 80-150 हिजरी साल),[१] अबू हनीफ़ा सुन्नी "हनफ़ी मसलक" (हनफ़ी स्कूल) इसलामी न्यायशास्त्र के संस्थापक थे। यह एक प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान थे। ज़ैदी शिया मुसलमानों में इन्हें प्रसिद्ध विद्वान के रूप में माना जाता है। [२] '''  उन्हें अक्सर "महान इमाम" (ألإمام الأعظم, अल इमाम अल आज़म) कहा और माना जाता है। [३]

जीवनी

बचपन

अबू हनीफा इराक के शहर कूफ़ा में पैदा हुए थे। वे खलीफ़ा उमय्यद खलीफा अब्द अल मलिक इब्न मरवान के समकालीन थे। [४][५] उनके पिता, थबित बिन ज़ूता एक व्यापारी थे, जो मूल रूप से काबुल, अफगानिस्तान से थे।

यौवन और मृत्यु

अबू हनीफ़ा मस्जिद, बग़दाद, इराक़

खलीफ़ा अल-मनसूर 763 ई. में मुस्लिम दुनिया के खलीफ़ा थे। इन की राजधानी इराक़ का शहर बागदाद था। मुख्य न्यायाधीश स्वर्गवासी होने के कारण वह पद खाली हुआ, उसे भरती करने के लिये, खलीफ़ा ने अबू हनीफ़ा को इस पद के लिये पेशकश की, लैकिन अबू हनीफ़ा स्वतंत्र रहना पसंद करते थे, इस लिये इस प्रस्ताव और पेशकश को ठुकरा दिया। इस पद को अरबी भाशा में "क़ादि-उल-क़ुज़्ज़ात" कहते हैं। इस पद पर उनके छात्र अबू यूसुफ नियुक्त किया गया।

खलीफ़ा अल-मनसूर और दीगर लोगों को यह बात अच्छी नहीं लगी कि, अबू हनीफ़ा इस पद को इनकार किया। चूं कि, अबू हनीफा इस क़ाबिल थे, और उनहें क़ाबिल समझा गया, इसी लिये उन्हें पेशकश की गयी, जिस को अबू हनीफ़ा ने खुद को क़ाबिल न बताते हुवे ठुकरा दिया। इस बात पर खलीफ़ा ने कहा कि तुम झूठ बोल रहे हो। तब अबू हनीफ़ा ने कहा कि अगर वह झूठ बोल रहे हैं तो ऐसे झूठे को ऐसे ऊंचे पद की पेश कश नहीं करना चाहिये। इस बात पर नाराज़ खलीफ़ा ने अबू हनीफ़ा को गिरफ़्तार कर जैल में बंद करवा दिया। कुछ महीनों बाद अबू हनीफ़ा जेल ही में मर गये।

शाह इस्माइल की सफ़वी साम्राज्य 1508 ई. में अबू हनीफा और अब्दुल कादिर गिलानी की क़बरों को सरकार द्वारा नष्ट कर दिया गया। [६] 1533 में, तुर्क साम्राज्य ने इराक और अबू हनीफा और अन्य सुन्नी स्थलों के मक़बरों का पुनर्निर्माण किया।[७]

पीढ़ियों की स्तिथि

यह भी माना जाता है कि अबू हनीफ़ा ताबईन जो सहाबा के बाद के दौर के थे, में से थे। सहाबा, मुहम्मद साहब के अनुयाईयों को कहा जाता है।.[८][९] कुछ और का कहना है कि अबू हनीफ़ा ने करीब छः सहाबियों को देखा है। कम [८]

अल्लाह का डर और नमाज़

अबू हनीफा अल्लाह से बहुत डरते थे लोगो को नसीहत देते थे कि अल्लाह से डरो वही सबका मालिक है और हिसाब लेने वाला है [१०]

सहिष्णुता का प्रचार

अबू हनीफ़ा के विचारों के अनुसार मुस्लिम शासकों गैर-मुस्लिम प्रजा के साथ भी बराबरी का व्यव्हार करना चाहिए। किसी भी निर्दोष मुसलमान की हत्या की तरह निर्दोष गैर-मुस्लिम के हत्यारे को भी उतनी ही सज़ा मिलनी चाहिए। वे ईश-निन्दा (blasphemy) के आरोपियों को, विशेष रूप से गैर-मुस्लिम व्यक्तियों के मृत्यु के विरुद्ध थे तथा अन्य अन्य इमामों की तुलना में धर्मत्याग करने वाले मुसलमानों को मृत्यु दंड देने के पक्ष में नहीं थे, हालांकि इतिहास में ऐसी कई घटनाएँ हो चुकी हैं। सामान्य रूप से अन्य धर्म पंथ की तुलना में हनफ़ी अनुयायी अति शांति प्रिय स्वभाव के होते हैं जिसके लिए अबू हनीफ़ा की शिक्षाओं का बड़ा दख़ल है।

स्वागत

दुनिया का मेप। हनफ़ी (हरा रंग) सुन्नी पंथ को दर्शाया गया। मुख्य रूप से तुर्की, उत्तर मध्यप्राच्य, ईजिप्ट, भारत उपखंड।

रचनायें और संकलन

  • किताब उल-आसार - उल्लेखन इमाम मुहम्मद अल-शैबानिएए - संकलन जुम्ला 70,000 हदीस
  • किताबुल आसार - उल्लेखन इमाम अबू यूसुफ़
  • आलिम व मुताल्लिम - (गुरू और शिष्य) या (विद्वान और विद्यार्थी)
  • मुसनद इमाम उल आज़म (हदीसों का संकलन)
  • किताबुल राद अलल क़ादिरिय्या

उद्धरण

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  2. Abu Bakr al-Jassas al-Razi.
  3. S. H. Nasr (1975), "The religious sciences", in R.N. Frye, The Cambridge History of Iran, Volume 4, Cambridge University Press. pg 474: "Abū Ḥanīfah, who is often called the "grand imam"(al-Imam al-'Azam) was Persian
  4. Josef W. Meri, Medieval Islamic Civilization: An Encyclopedia, 1 edition, (Routledge: 2005), p.5
  5. Hisham M. Ramadan, Understanding Islamic Law: From Classical to Contemporary, (AltaMira Press: 2006), p.26
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. History of the Ottoman Empire and modern Turkey
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. http://www.islamicinformationcentre.co.uk/alsunna7.htm स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। last accessed 8 June 2011
  10. http://islamicworld.in/abu-nahifa-rehmatullah-aleh-13452/साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]

बाहरी कड़ियां