धरती कहे पुकार के (1969 फ़िल्म)

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धरती कहे पुकार के
चित्र:धरती कहे पुकार के.jpg
धरती कहे पुकार के का पोस्टर
निर्देशक दुलाल गुहा
निर्माता दीनानाथ शास्त्री
लेखक बी आर इशारा (संवाद)
कथावाचक धर्मेंद्र
अभिनेता जितेंद्र,
नंदा,
संजीव कुमार,
दुर्गा खोटे,
तरुण बोस,
अभि भट्टाचार्य,
ए के हंगल
संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल,
मजरुह सुल्तानपुरी (गीत)
छायाकार एम राजाराम
संपादक जी जी मयेकर
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
देश भारत
भाषा हिन्दी

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धरती कहे पुकार के (अंग्रेजी: Call of the Earth) 1969 में वैशाली फिलम्स पताका अन्तर्गत दीनानाथ शास्त्री निर्मित, दुलाल गुहा निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है। जितेंद्र, नंदा, लीबी राणा, कन्हैयालाल, दुर्गा खोटे एवं संजीव कुमार इसके प्रमुख कलाकार तथा अभि भट्टाचार्य, अमोल सेन, असित सेन, ए के हंगल, तरुण बोस, मनमोहन व लीला मिश्रा सहायक कलाकार है। फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया तथा गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी है।

संक्षेप

कन्हैयालाल का पात्र एक गरीब किसान है जो अपनी पत्नी एवं दो भाइयों (संजीव कुमार और जीतेन्द्र अभिनीत) के साथ रहता है। संजीव कुमार अपने भाइयों की सहायता से कानूनी शिक्षण में है। उधर जितेंद्र कन्हैयालाल को खेती में सहायता करता है। संजीव कुमार की शिक्षण हेतु कन्हैयालाल अपनी ज़मीन की एवज़ में गाँव के साहूकार से उधार लेता है। इधर जितेंद्र उसके बेटी (नंदा) से प्रेम करता है। समय के चलते औद्योगिकीकरण व घरेलु कठिनाईयाँ भाइयों को बिखेरती है। अपने भाई के उधार का विषय जान, विवाहित संजीव कुमार अपनी पत्नी एवं भाइयों को छोड़ शहर जाए उधार चुकाने के पैसे लाने तक गाँव न आने की ठान लेता है। उधर जितेंद्र शहर में वाहन चलाए जीवनी करता है। शेष कथा में सही शिक्षण, धार्मिक विशवास व पारिवारिक मूल्य एवं बंधन सभी भाईयों के मिलन में साहायक होना दर्शाया गया है।

चरित्र

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

सभी गीत के गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी व संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल है।

गीत गायक समय
"ख़ुशी की वो रात आगई" मुकेश 5:35
"जे हमतुम चोरी से" मुकेश, लता मंगेशकर 3:30
"जारे करे बादरा" लता मंगेशकर 4:35
"दिये जलाए प्यार के चलो" लता मंगेशकर 3:30
"धरती कहे पुकारके" मोहम्मद रफ़ी 4:35

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

बाहरी कड़ियाँ