एन एच 10

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एन एच 10
चित्र:NH10 Poster.jpg
पोस्टर
निर्देशक नवदीप सिंह
निर्माता विक्रमादित्य मोटवानी
अनुराग कश्यप
विकास बहल
अनुष्का शर्मा
सुनील लुल्ला
कृषिका लुल्ला
कर्णेश शर्मा
लेखक सुदीप शर्मा
अभिनेता अमित साहा(बालुरघाट)
अनुष्का शर्मा
अरिंदम गोस्वामी(दुर्गापुर)
नील भूपलम
संगीतकार
अनिर्बान चक्रवर्ती
संजीव-दर्शन
आयुष श्रेष्ठ
सवेरा मेहता
समीरा कोप्पिकर
स्टूडियो फैंटम फिल्म्स
क्लीन स्लेट फिल्म्स
वितरक एरोस इंटरनेशन
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • 13 March 2015 (2015-03-13)
देश भारत
भाषा हिंदी
लागत १३० मिलियन (US$१.७१ मिलियन)[१][२]
कुल कारोबार ३२१ मिलियन (US$४.२१ मिलियन)[३]

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एन एच 10 सन् 2015 की एक भारतीय क्राइम थ्रिलर फ़िल्म है जिसका निर्देशन नवदीप सिंह द्वारा किया गया है। इसमें मुख्य पत्रों में अनुष्का शर्मा और नील भूपलम है और इसके साथ ही अनुष्का शर्मा ने प्रोडक्शन में अपना डेब्यू किया है।इस फ़िल्म को साझा रूप से फैंटम फिल्म्स और एरोस इंटरनेशनल द्वारा उत्पादित किया गया है। यह फ़िल्म एक जोड़े की रोड ट्रिप के बारे में बताती है जोकि खतरनाक गुंडों के साथ मिल जाने से अस्त व्यस्त हो जाती है। इस फ़िल्म का शीर्षक भारत के नेशनल हाईवे 10 (राष्ट्रीय राजमार्ग 10) को दर्शाता है।

एन एच 10 13 मार्च 2015 को रिलीज़ हुई। [४][५][६]

कहानी

फ़िल्म की शुरुआत मीरा(अनुष्का शर्मा) और अर्जुन (नील भूपलम) के पार्टी जाने से होती है पर तभी मीरा को उसके ऑफिस से एक अर्जेंट कॉल आता है। रास्ते में कुछ सड़क छाप गुंडे उस पर हमला कर देते हैं और उसकी कार की खिड़की को ठोकर मार देते हैं। मीरा उनसे बच तो जाती है पर उसपर इस हादसे का गहरा सदमा लगता है। उसी समय अर्जुन मीरा के लिए उसके बर्थडे पर एक रोड ट्रिप का प्लान बनाता है। अगले दिन ये दोनों रोड ट्रिप के लिए निकल जाते हैं। न चाहते हुए भी वे अपनी यात्रा को जारी रखते हैं। कुछ समय बाद वे लंच के लिए एक ढाबे पर रुकते हैं , तभी एक डरी सहमी लड़की उनके पास आ कर उसे गुंडों से बचने की प्रार्थना करती है जो उसे मारना चाहते हैं। मीरा उसे भगा देती है।कुछ समय बाद वे देखते हैं कि उसी लड़की को एक लड़के के साथ कुछ गुंडे घेर कर बुरी तरह से मार रहे हैं वे उन दोनों को खींच कर एक एस यू वी(SUV) में ले जाते हैं। अर्जुन बीच में दखल देता है पर सतबीर (दर्शन कुमार) जो उस गैंग का मुखिया है ये कहकर उसे पीछे ढकेल देता है कि ये लड़की उसकी बहन है। अर्जुन और मीरा डर कर ये सब कुछ देखते हैं। गैंग उस लड़की और लड़के के साथ चला जाता है पर मीरा के मना करने के बाद भी अर्जुन उन का पीछा करता है। वह अपनी कार गैंग वालों की कार के पास हाईवे के किनारे एक सुनसान इलाके में खड़ी करता है। वहां उन दोनों को पता चलता है कि पिंकी और उस लड़के की हत्या की जा रही है क्योंकि उनके परिवार वाले उनकी शादी एक दूसरे से नहीं कराना चाहते। डर कर अर्जुन और मीरा वहां से भागने का प्रयास करते हैं पर गैंग उन्हें ढूंढ लेता है। गैंग के कुछ लोग कब्र खोदने में लग जाते हैं, सतबीर पिंकी को गोली मार देता है। उसी समय हाथापाई शुरू हो जाती है और अर्जुन छोटे की मार देता है जो उस गैंग का एक सदस्य है। इससे गैंग भड़क जाता है और अर्जुन और मीरा अपनी जान बचने के लिए भागते हैं।

रात में उन दोनों का सामना गैंग के एक आदमी से होता है , मीरा उसे गोली मार देती है और अर्जुन घायल हो जाता है। वह अर्जुन के साथ रेलवे स्टेशन तक जाती है और उसे वही पर रुकने को कहती है जब तक वह सहायता नहीं ले आती। उसे एक पुलिस स्टेशन मिलता है जहाँ वह पुलिस वाले से मदद मांगती है और कहती है कि उन्होंने एक मान हत्या (ऑनर किलिंग) को देखा है ऐसे सुनते ही पुलिस वाला उसे पुलिस स्टेशन से बाहर फेंक देता है। रास्ते में एक सीनियर पुलिस ऑफिसर उससे मिलता है और वह उसके साथ जहाँ अर्जुन है उस ओर जाने लगती है पर तभी मीरा को एहसास होता है कि ये पुलिस वाला उन गुंडों से मिला हुआ है वह उसको मारकर वहां से गाड़ी लेकर भागने में सफल हो जाती है पर गुंडे उसका पीछा करने लगते हैं। वे उसकी कार को ढूंढ लेते हैं पर मीरा को छिपने के लिए एक मजदूर की झोपड़ी मिल जाती है और उनसे बचकर वहां छिप जाती है। मजदूर और उसकी पत्नी उसे उन गुंडों से बचाते हैं और वे दोनों मीरा को पास के गाँव के मुखिया के पास जाने की सलाह देते हैं।

बाद में मीरा गाँव की मुखिया अम्माजी (दीप्ति नवल) से मिल कर उसे ऑनर किलिंग की सारी कहानी बताती है ,अम्माजी का मूड उस से थोड़ी देर के लिए बदल जाता है पर वह उसे कमरे में बंद कर देती है और गुंडों को बुलवाकर उसकी खूब धुनाई करवाती है। मीरा भाग कर अर्जुन के पास जाती है पर उसकी हत्या हो चुकी है इससे वह गुस्से में आकर जीप से सभी गुंडों को मार देती है। तभी अम्माजी आ कर ये सब मंजर देखती है और कहती है कि वह उसकी ही बेटी थी पर उसने नियम तोड़े इस लिए उसे सजा देना ज़रूरी था। अम्माजी के शब्द गूँजते हैं और इसी के साथ सुबह होते हुए मीरा उस गांव को छोड़ कर चली जाती है।

पात्र

निर्माण

फ़िल्म की शूटिंग जनवरी 2014 के बीच दिल्ली में शुरू हुई।[७] भारत के उत्तरी मैदानों के अनेक स्थानों जैसे जोधपुर में इसकी शूटिंग हुई। [८] फ़िल्म की शूटिंग मई में समाप्त हो गयी। फ़िल्म सितम्बर में रिलीज़ होने वाली थी लेकिन फ़िल्म को 13 मार्च 2015 को रिलीज़ किया गया।

फ़िल्म का आधिकारिक ट्रेलर 5 फरवरी 2015 को कलाकारों और निर्माताओं की मौजूदगी में ज़ारी किया गया।[९]

रिलीज़

यह फ़िल्म 13 मार्च 2015 को रिलीज़ हुई। द इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार (इंटरव्यू ) में निर्देशक (डायरेक्टर) नवदीप सिंह ने कहा कि सेंसर बोर्ड के आधे सदस्य इस फ़िल्म को प्रतिबंधित (बैन) करना चाहते थे।[१०] इसे बाद में नौ दृश्य काट कर व "एडल्ट ओनली" (व्यस्क) सर्टिफिकेट दे कर पास कर दिया गया। [११]

रिसेप्शन

"इंडियन टुडे" के अनुभव परशीरा ने फ़िल्म को 5 में से 4 स्टार ये कहते हुए दिए कि ये बदले की एक आवश्यक कहानी है।[१२]मिड-डे की शुभा शेट्टी-साहा ने फ़िल्म को 5 में से 4 स्टार ये कहते हुए दिए कि ये एक कभी न ख़त्म होने वाले निर्दयी अनुभव की तरह है जो आप सीट पर बैठे हुए भी महसूस कर सकते हैं।[१३] (Ibnlive.com) के राजीव मसंद ने फ़िल्म को 5 में से 3.5 स्टार देते हुए कहा "इस हाईवे पर होना अक्सर डरावना होता है पर आपको ये जानकर ख़ुशी होगी की आप इस सफ़र में थे।[१४] बॉलीवुड हंगामा न्यूज़ नेटवर्क ने इसे 3 स्टार दिए।[१५] एन डी टीवी ने इसे 3 स्टार दिए।[१६] हिंदुस्तान टाइम्स के आलोचक ने कहा, " फ़िल्म का पहला हाफ तो मज़ेदार व रोचक है पर दूसरे हाफ से फ़िल्म थोडा लड़खड़ाने लगती है। एन एच 10 में काबिलियत तो है पर यह उसे भुनाने में असफल हो जाती है।"[१७]

कुछ पत्रकार ये विश्वाश करते हैं की इस फ़िल्म की प्रेरणा 2008 की ब्रिटिश थ्रिलर ईडन लेक(Eden Lake) से ली गयी है।[१८][१९] लेकिन सिंह ने इन सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया।[२०]

संगीत

NH10
साउंडट्रैक
जारी 17 February 2015 (2015-02-17)
संगीत शैली फीचर फ़िल्म साउंडट्रैक
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लेबल इरोज़ म्यूजिक

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इसका साउंडट्रैक संजीव-दर्शन ,बाण चक्रवर्ती ,अभिरूप चंद्र , आयुष श्रेष्ठ , सवेरा मेहता और समीर कोप्पिकर द्वारा निर्मित है।

क्र॰शीर्षकगीतकारसंगीतकारगायकअवधि
1."छिल गए नैना"कुमारसंजीव-दर्शनकनिका कपूर, दीपांशु पंडित3:17
2."ले चल मुझे (पुरुष संसकरण)"बाण चक्रवर्ती और अभिरुचि चंद्रबाण चक्रवर्तीमोहित चौहान4:13
3."मैं जी"मनोज तापड़ियाआयुष श्रेष्ठ और सवेरा मेहतानयनतारा भटकल, सवेरा मेहता2:44
4."खोने दे"बाण चक्रवर्तीबाण चक्रवर्तीमोहित चौहान, नीति मोहन4:25
5."माटी का पलंग"नीरज राजावतसमीर कोप्पिकरसमीर कोप्पिकर3:11
6."ले चल मुझे (महिला संसकरण)"बाण चक्रवर्ती और अभिरुचि चंद्रबाण चक्रवर्तीशिल्पा राव4:13
7."क्या करें"वयूं ग्रोवरसवेरा मेहता और आयुष श्रेष्ठरेचल वर्घेस3:01
8."ले चल मुझे (रिप्राइज वर्ज़न)"बाण चक्रवर्ती और अभिरुचि चंद्रबाण चक्रवर्तीअरिजीत सिंह,मोहित चौहान3:37
9."खोने दे" (इंस्ट्रुमेंटल वर्ज़न) बाण चक्रवर्ती 4:24
कुल अवधि:33:05

सीक्वल

एन एच 10 के निर्माताओं ने ये घोषणा की है की वे "एन एच 12" नाम से इस फ़िल्म का एक दूसरा सीक्वल इसी से सम्बंधित विषय पर बनाएंगे।[२१][२२]

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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