भारत में गर्भपात
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भारत में गर्भपात करवाने की क़ानूनी इजाज़त गर्भवती होने के बाद 20 हफ़्तों के अंदर कुछ विशेश हालत में ही है।
भारत के कुछ हिस्सों में बेटियाँ की अपेक्षा लड़कों को तरजीह दी जाती है और इसको ध्यान में रखते लिंग-अधारित गर्भपात करवाया जाता है। इसको निष्कर्ष रूप से भारत में ग़ैर-कुदरती लिंग-अनुपात की स्थिति बन गई है।
नईं तकनीक आने के साथ गर्भवती होने से चार महीने बाद गर्भ में पल रहे बच्चों का लिंग पता किया जा सकता है। भारत के कई हिस्सों में लड़कों को ओर ज़्यादा तरजीह दी जाती है और लड़कियों को पेट में ही मार दिया जाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- Medical abortion information for women in Hindi language The International Consortium for Medical Abortion (ICMA) Information Package on Medical Abortion