धर्म और गर्भपात

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विभिन्न धर्मों में गर्भपात के बारे में भिन्न-भिन्न विचार हैं नीचे इसका कुछ संक्षिप्त विवरण है।

बौद्ध धर्म

गर्भपात के विषय में कोई भी बौद्ध धर्म कुछ भी नहीं कहता।[१] पारंपरिक स्रोत, जैसे बौद्ध मठ का संहिता के अनुसार जीवन की शुरूआत गर्भधारण से होती है जो गर्भपात करने पर वह समाप्त हो जाता है जिसे जीवन का जानबूझकर विनाश कहा जा सकता है और इससे बचना चाहिए।[२] अधिकत्तर बौद्ध धर्मावलम्बी भी इससे सहमत हैं।[१][३] इसका अधिक गहराई से अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि "जीवन प्रत्यक्ष प्रारम्भिक बिंदु रहित एक निरंतरता है"।[४]

दलाई लामा के अनुसार गर्भपात एक "ऋणात्मक" प्रवृत्ति है लेकिन अपवाद भी हैं। उन्होंने बताया, "मेरा अनुमान है कि गर्भपात प्रत्येक परिस्थिति के अनुसार स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाना चाहिए"।[५]

ईसाई धर्म

ईसाई धर्म में गर्भपात के सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न विचार हैं। कुछ बुद्धिजीवियों का पुराने ईसाई विचारों से विरोध है तो कुछ लोग आज भी यह मानते हैं कि गर्भपात करना अथवा करवाना किसी जीवित व्यक्ति की हत्या के समान ही है।[६]

हिन्दू धर्म

पौराणिक हिन्दू ग्रंथों के अनुसार गर्भपात को दृढ़ता से अपराध माना गया है। बीबीसी के अनुसार, "जब गर्भपात के बारे में बात होत तो, हिन्दू विधि में उसका चुनाव किया जाता है जिसमें शामील यथा: माता-पिता भ्रूण और समुदाय को कम से कम नुकसान हो।" बीबीसी के अनुसार, "यद्यपि व्यावहारिकता में भारत की हिन्दू सभ्यता में गर्भपात प्रचलित है, क्योंकि गर्भपात पर धार्मिक प्रतिबंध कभी-कभी सांस्कृतिक वरीयता बेटों के लिए होने के कारण इसका उल्लंघन किया जाता है। इसके तहत लड़की को जन्म से पूर्व ही गर्भपात के माध्यम से हटा दिया जाता है और इसे कन्या भ्रूण हत्या अथवा मादा भ्रूण हत्या कहा जाता है।"[७][८] हिन्दू विद्वानों और महिला अधिकारों की वकालत करने वाले लोग लिंग-आधारित गर्भपात को प्रतिबन्धित करने के पक्ष में हैं।

कुछ हिन्दू धर्मशास्त्रियों का विश्वास है कि भ्रूण का व्यक्ति (लिंगातमक परिवर्तन) तीन महीने में शुरू होता है और इसका विकास गर्भावस्था के पाँच माह में होता है। संभवतः तीसरे महीने तक गर्भपात की अनुमति दी जानी चाहिए और इसके बाद किया जाने वाला गर्भपात आत्मा प्राप्त कर चुके शरीर के विनाश के समान है।[९][१०]

इस्लाम

यद्यपि इस्लाम विद्वानों में इस सम्बन्ध में मत्यक्य नहीं है कि कब जीवन आरम्भ होता है और कब गर्भपात कि अनुमति दी जा सकती है, अधिकतर के अनुसार गर्भधारण के 120 दिन बाद – वह समय जब इस्लाम के अनुसार भ्रूण का एक जीवित आत्मा के रूप में होने लगता है, इसको समाप्त करना – प्रतिबन्धित है।[३] कुछ इस्लामी विचारकों के अनुसार गर्भधारण के शुरुआती चार माह में गर्भपात की अनुमति केवल उसी अवस्था में होनी चाहिए जब माँ (जच्चा) का जीवन खतरे में हो अथवा कोई बलात्कार का मामला हो।[३][११]

यहूदी धर्म

परम्परानिष्ठ यहूदी गर्भपात की अनुमति की शिक्षा केवल उस अवस्था में देते हैं जब जच्चा (गर्भवती महिला) का जीवन खतरे में हो।[१२][१३] जबकि सुधारवादी, पुनर्निर्माणवादी और अनुदारपंथी आंदोलनों में सुरक्षित और सुलभ गर्भपात के अधिकार के लिए खुले आम इसकी वकालत की गई, जबकि परम्परानिष्ठ आंदोलन मुद्दे पर एकीकृत नजर नहीं आये।[३]

सिख धर्म

यद्यपि सिख ग्रंथों में सीधे तौर पर गर्भपात (या वास्तव में कई अन्य जैवनैतिक मामलों) के सम्बंध में कुछ नहीं कहा गया है और सामान्यतः यह सिख धर्म में प्रतिबन्धित है क्योंकि यह भगवान के निर्माण कार्य के विरुद्ध माना जाता है।[१४] इस सैद्धांतिक दृष्टिकोण के बावजूद, भारत के सिख समुदायों में गर्भपात असामान्य नहीं है, वहाँ पर पुरुष प्रधान समाज एवं सांस्कृतिक पसंद में बेटों को अधिक महत्व देने के कारण मादा भ्रूण हत्या होती है।[१४]

सन्दर्भ

  1. "Abortion: Buddhism स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।." BBC Religion & Ethics. Retrieved January 15, 2008.
  2. हार्वे, पीटर, Introduction to Buddhist Ethics (2000). कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, पृष्ठ 311–20
  3. द प्यू फोरम, सितम्बर 30, 2008, Religious Groups’ Official Positions on Abortion स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, अभिगमन तिथि: 29 अप्रैल 2009.
  4. साँचा:cite web
  5. साँचा:cite news
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. BBC स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। "Hinduism and abortion"
  9. पाठ 1: Dilemmas of Life and Death: Hindu Ethics in a North American Context (1995) | लेखक: Crawford, S. Cromwell
  10. साँचा:cite news
  11. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. Judaism and Abortion स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, BBC (2005-02-08).
  13. Bank, Richard. The Everything Judaism Book स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, पृ॰ 186 (Everything Books, 2002).
  14. साँचा:cite web