परिमित अंतर
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परिमित अंतर <math>f(x+b)- f(x+a)</math> रूप का गणितीय व्यंजक है। यदि किसी परिमित अंतर को b − a से भाग दिया जाता है तो अंतर भागफल प्राप्त होता है। अवकल समीकरणों, मुख्यतः परिसीमा मान समस्याओं के संख्यात्मक हल में परिमित अन्तर विधि से अवकलज का सन्निकटन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पुनरावृत्ति सम्बंधों को परिमित अन्तर के साथ पुनरावृत्ति निरूपण के स्थानान्तरण द्वारा अन्तर समीकरणों के रूप में लिखा जा सकता है।
अग्र, पश्च और माध्य अन्तर
इसकी तीन अवस्थायें सामान्यतः काम में ली जाती हैं: अग्र, पश्च और मध्य अन्तर।
अग्र अन्तर का व्यंजक निम्न प्रकार लिखा जाता है
- <math> \Delta_h[f](x) = f(x + h) - f(x). \ </math>
अंतराल h, अनुप्रयोग के अनुसार चर अथवा अचर हो सकता है।
पश्च अन्तर में x और x +; h के स्थान पर x − h और x के मान लिये जाते हैं:
- <math> \nabla_h[f](x) = f(x) - f(x-h). \ </math>
साँचा:anchor अंततः मध्य अन्तर निम्न प्रकार दिया जाता है
- <math> \delta_h[f](x) = f(x+\tfrac12h)-f(x-\tfrac12h). \ </math>