परिमित अन्तर विधि
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गणित में परिमित अन्तरों की विधियाँ (finite-difference methods) उन आंकिक विधियों को कहते हैं जो अवकल समीकरणों के हल के सन्निकटीकरण (approximating the solutions) के लिये विभिन्न अवकलजों (derivatives) के स्थान पर परिमित अन्तरों का उपयोग करतीं हैं।
- <math>f'(a)\approx {f(a+h)-f(a)\over h}.</math>
उदाहरण
उदाहरण के लिये निम्नलिखित सामान्य अवकल समीकरण को लेते हैं-
- <math> u'(x) = 3u(x) + 2. \, </math>
यूलर की आंकिक विधि निम्नलिखित परिमित अन्तर भिन्न का उपयोग करती है
- <math>\frac{u(x+h) - u(x)}{h} \approx u'(x)</math>
इसको u'(x) के स्थान पर रखने और थोड़ा सरल करने के बाद,
- <math> u(x+h) = u(x) + h(3u(x)+2). \, </math>
यह एक परिमित अन्तर समीकरण (finite-difference equation]] है। इसका हल ही मूल अवकल समीकरण का सन्निकट हल कहलाता है।
अवकल भागफल
forward difference के रूप में:
- <math>D^+(x_0)= \frac{f(x_0+h)-f(x_0)}{h},</math>
Backward difference के रूप में:
- <math>D^-(x_0)= \frac{f(x_0)-f(x_0-h)}{h}.</math>
Central difference के रूप में:
- <math>D(x_0)= \frac{f(x_0+h)-f(x_0-h)}{2h}.</math>
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- List of Internet Resources for the Finite Difference Method for PDEs
- Finite Difference Method of Solving ODEs (Boundary Value Problems) Notes, PPT, Maple, Mathcad, Matlab, Mathematica
- Lecture Notes Shih-Hung Chen, National Central University
- Lecture Notes Randall J. LeVeque University of Washington
- Finite Difference Method
- Finite Difference Method for Boundary Value Problems
- Finite Difference Methodology in Materials Science