शतरंज के खिलाड़ी (१९७७ फ़िल्म)

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शतरंज के खिलाड़ी
चित्र:Shatranj ke khiladi poster.jpg
शतरंज के खिलाड़ी का पोस्टर
अभिनेता संजीव कुमार
प्रदर्शन साँचा:nowrap 1977
देश भारत
भाषा हिन्दी

साँचा:italic title

शतरंज के खिलाड़ी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसी नाम से मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी पर आधारित इस फिल्म के निर्देशक थे प्रसिद्ध बांग्ला फिल्मकार सत्यजित रे। इसकी कहानी १८५६ के अवध नवाब वाजिद अली शाह के दो अमीरों के इर्द-गिर्द घूमती है। ये दोनों खिलाड़ी शतरंज खेलने में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने शासन तथा परिवार की भी फ़िक्र नहीं रहती। इसी की पृष्ठभूमि में अंग्रेज़ों की सेना अवध पर चढ़ाई करती है। फिल्म का अंत अंग्रेज़ों के अवध पर अधिपत्य के बाद के एक दृश्य से होता है जिसमें दोनों खिलाड़ी शतरंज अपने पुराने देशी अंदाज की बजाय अंग्रेज़ी शैली में खेलने लगते हैं जिसमें राजा एक दूसरे के आमने सामने नहीं होते। इस फिल्म को फिल्मकारों तथा इतिहासकारों दोनों की समालोचना मिली थी। फ़िल्म को तीन फिल्मपेयर अवार्ड मिले थे जिसमें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी शामिल था।

संक्षेप

इस फ़िल्म की कहानी अवध के नवाब और शतरंज के खेल मे पागल दो मन्त्रियो के इर्द-गिर्द घूमती है। नवाब एक बेपरवाह कलाप्रेमी होता है जिसे बाद मे अन्ग्रेज़ी सेने परस्त्र कर देती है।

चरित्र

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

साँचा:awards table |- | 1978 | सत्यजित राय | फ़िल्मफ़ेयर आलोचक पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म | साँचा:won |- | rowspan="2"|1979 | सत्यजित राय | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | साँचा:won |- | सईद जाफ़री | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | साँचा:won |- | 1978 | सत्यजित राय | गोल्डेन बीअर - सर्वश्रेष्ठ फिल्म, बर्लिन फिल्मोत्सव | साँचा:nom |}

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