२०१४ की युक्रेन क्राँति एवं क्रीमिया संकट

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कीव में विरोध प्रदर्शन 21 फ़रवरी 2014
हरुशेव्स्क्यी स्ट्रीट - 22 से 30 जनवरी 2014

२०१४ के आरंभ में यूक्रेन की राजधानी कीव में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए,[१] जिसमें सैकड़ों लोग हताहत हुए।[२] फलस्वरूप तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को अपदस्थ कर ओलेक्जेंडर तुर्चिनोव को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया गया।[३][४]

किन्तु धूल छँटने से पहले, घटनाक्रम ने एक अलग ही मोड़ ले लिया जब रूस ने युक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप में अपनी सेनाएँ भेज दी।[५]

कीव में विरोध प्रदर्शन 12 फ़रवरी 2014

पृष्ठभूमि

यूक्रेन की सरकार ने नवंबर 2013 में यूरोपीय संघ यूनियन के साथ होने वाले एक समझौते को रद्द कर दिया था। इस समझौते के लिए कई वर्षों से प्रयास हो रहे थे और इसके फलीभूत होने पर यूक्रेन भी 28 देशों के समूह में शामिल हो जाता। यूक्रेन की जनता इस घटनाक्रम के विरोध में सड़कों पर उतर आयी और कीव में प्रदर्शन शुरू हो गए।[१]

आँदोलन एवं परिणाम

नवंबर २०१३ में यूरोपीय संघ के साथ अंतिम समय में एक व्यापारिक समझौता रद्द कर रूस के साथ जाने पर के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए। लाखों लोगों ने इंडिपेंडेंट स्क्वेयर पर प्रदर्शन किया। 22 जनवरी को वहां उस वक्त हिंसा शुरू हो गई, जब सरकार ने राजधानी में हो रहे प्रदर्शन पर लगाम कसने के लिए सख्त कानून लागू कर दिया, जिसके अंतर्गत, सरकारी इमारतों तक जाने का रास्ता रोकने पर भी जेल का प्रावधान कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, प्रदर्शन में हेलमेट या मास्क पहनने पर भी रोक लगा दी गई।[१] 19,20 फ़रवरी 2014 को पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई जिसमें 70 से अधिक मारे गए और लगभग 500 घायल हो गए।[६] 23 फ़रवरी 2014 को यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के ऊपर महाभियोग लगाए जाने के बाद यूक्रेन की संसद ने स्पीकर ओलेक्जेंडर तुर्चिनोव को अस्थायी रूप से राष्ट्रपति के कार्यो की जिम्मेदारी सौंप दी।[३][४] यानुकोविच देश छोड़कर भाग गए।

क्रीमिया संकट

रूस, यूक्रेन व क्रीमिया की स्थिति क्रमशः हल्के, मध्यम व गाढ़े हरे रंग में

26 फ़रवरी 2014 को हथियारबंद रूस समर्थकों ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप में संसद और सरकारी इमारतों पर को कब्जा कर लिया।[६] रूसी सैनिकों ने क्रीमिया के हवाई अड्डों, एक बंदरगाह और सैन्य अड्डे पर भी कब्जा कर लिया जिससे रूस और यूक्रेन के बीच आमने-सामने की जंग जैसे हालात बन गए।[५] २ मार्च को रूस की संसद ने भी राष्ट्रपति पुतिन के यूक्रेन में रूसी सेना भेजने के निर्णय का अनुमोदन कर दिया।[७] इसके पीछे तर्क दियागया कि वहां रूसी मूल के लोग बहुतायत में हैं जिनके हितों की रक्षा करना रूस की जिम्मेदारी है।[८] दुनिया भर में इस संकट से चिंता छा गई और कई देशों के राजनयिक अमले हरकत में आ गए। यही नहीं, 3 मार्च को दुनिया भर के शेयर बाजार गिर गए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके यूरोपीय सहयोगियों ने रूस के कदम को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया।[९] उन्होंने फोन पर रूसी राष्ट्रपति से डेढ़ घंटा बात की।[१०]। अन्य देशों द्वारा भी रूस से अपील की गई। 4 मार्च को रूस के राष्ट्रपति ने आँशिक रूप से यूक्रेन की सीमा पर युद्धाभ्यास रत सेनाएँ वापिस बुलाने की घोषणा कर दी, जिससे युद्ध का खतरा तो टल गया लेकिन क्रीमिया पर रूसी सैनिकों का कब्जा जारी रहा।[११]

क्रीमिया 18वीं सदी से रूस का हिस्सा रहा है लेकिन 1954 में तत्कालीन रूसी नेता ख्रुश्चेव ने यूक्रेन को भेंट के तौर पर क्रीमिया दिया था।[८] उल्लेखनीय है, कि 6 मार्च को क्रीमिया की संसद ने रूसी संघ का हिस्सा बनने के पक्ष में मतदान किया।[१२] जनमत संग्रह के परिणामों को आधार बनाकर 18 मार्च 2014 को क्रीमिया को रूसी फेडरेशन में मिलाने के प्रस्ताव पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही क्रीमिया रूसी फेडरेशन का हिस्सा बन गया है।[१३]

अंतर्राष्ट्रीय विरोध

क्रीमिया को रूसी संघ में मिलाये जाने का विरोध अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुआ और जी-8 देशों के समूह ने रूस को जी-8 समूह से निष्कासित कर दिया। यहाँ तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और शीर्ष आर्थिक शक्तियों ने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ दबाव बनाने के लिए रूस में होने वाली जी-8 शिखर बैठक को रद्द कर दिया है। द हेग में यूक्रेन संकट पर चर्चा के बाद यह ऐलान किया गया कि जून महीने में सोची में प्रस्तावित जी 8 शिखर बैठक के स्थान पर ब्रसेल्स में जी 7 की शिखर बैठक बुलाई जाए और इसमें रूस को शामिल नहीं किया जाए।[१४] परमाणु सुरक्षाशिखर बैठक से इतर द हेग में हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने इस फैसले पर अपनी-अपनी मोहर लगायी।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/asian-countries/firebombs-hurled-as-ukrainian-protests-take-violent-turn/articleshow/29415573.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] हिंसा और प्रदर्शन की जद में यूक्रेन
  2. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/europe/ukraine-60-killed-in-bloody-clashes-500-injured/articleshow/30759382.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] यूक्रेन: खूनी संघर्ष में 60 से ज्यादा की मौत, 500 घायल
  3. साँचा:cite web
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/other-countries/Ukraine-mobilizes-troops-after-Russias-declaration-of-war/articleshow/31350211.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] रूस-यूक्रेन में जंग की आहट
  6. साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  7. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/europe/putin-gets-russian-parliament-approval-to-attack-ukraine/articleshow/31232126.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] रूसी संसद ने दी यूक्रेन में आर्मी भेजने की इजाजत
  8. साँचा:cite web
  9. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/europe/World-scrambles-as-Russia-tightens-grip-on-Crimea/articleshow/31348485.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] यूक्रेन संकट : दुनिया बोली रुको रूस
  10. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/31350003.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] यूक्रेन पर आमने-सामने
  11. http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/31356242.cmsसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] पुतीन के यूटर्न के बाद सेंसेक्स 250 अंक चढ़ा, निफ्टी 6300 के करीब
  12. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  13. क्रीमिया को रूसी फेडरेशन में मिलाने के प्रस्ताव पर पुतिन ने किए हस्ताक्षर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। एन॰डी॰ टीवी इंडिया
  14. रूस को झटका, जी 8 शिखर बैठक रद्द स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। वेब दुनिया हिन्दी,25 मार्च 2014(

बाहरी कड़ियाँ