संघ (समुच्चय सिद्धान्त)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Stang द्वारा परिवर्तित १८:४९, २० अक्टूबर २०२१ का अवतरण (Reverted 1 edit by 2409:4052:4D95:926A:0:0:9848:BE10 (talk) to last revision by InternetArchiveBot (TwinkleGlobal))
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

समुच्चय सिद्धान्त में संघ उस समुच्चय को कहते हैं जो दो या दो से अधिक समुच्चयों के संयोजन से बनता है अर्थात दो या दो से अधिक समुच्चयों के सभी अवयवों को मिलाकर एक समुच्चय बनाय जाये तो उसे संघ समुच्चय कहते हैं।[१] समुच्चय A और B के संघ समुच्चय को A ∪ B से निरुपित किया जाता है एवं इसे 'A संघ B' पढ़ा जाता है।[२]

गुणधर्म

  • रिक्त समुच्चय का किसी समुच्च्य के साथ संघ समुच्चय वह समुच्चय स्वयं ही होता है।
  • उपसमुच्चय और अधिसमुच्चय का संघ समुच्चय अधिसमुच्चय होता है।
  • A और B के सर्वनिष्ठ समुच्चय का किसी भी एक (A अथवा B) के साथ संघ वह समुच्चय स्वयं (A अथवा B) होता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ