क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Ralf Pfeifer द्वारा परिवर्तित १४:५६, ८ जनवरी २०२२ का अवतरण (File Flaechentraegheitsmoment2.gif replaced by Flaechentraegheitsmoment2.svg)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण (second moment of area) किसी क्षेत्र का एक ज्यामितीय गुण है जो यह दर्शाता है कि उस क्षेत्र के बिन्दु किसी अक्ष के सापेक्ष किस प्रकार की स्थिति में हैं। इसे प्रायः <math>I</math> या <math>J</math> से निरूपित करते हैं। इसकी विमा, L4 है।

संरचना इंजीनियरी के क्षेत्र में क्षेत्रफल के द्वितीय आघूर्ण का बहुत उपयोग होता है। किसी धरन (बीम) के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण उस धरन की एक महत्वपूर्ण गुण है जो लोड के कारण उस बीम के विक्षेप (deflection) के परिकलन में प्रयुक्त होता है।

परिभाषा

क्षेत्रफल का ध्रुवीय आघूर्ण के परिकलन के लिये योजना

किसी क्षेत्रफल का किसी अक्ष <math>BB</math> के सापेक्ष द्वितीय आघूर्ण निम्नवत परिभाषित है-

<math>J_{BB} = \int_A {\rho}^2 \, \mathrm dA</math>

जहाँ

<math>\mathrm dA</math> = अतिसूक्ष्म क्षेत्रफल है
<math>\rho</math> = अक्ष BB से dA की दूरी

उदाहरण के लिए, यदि x-अक्ष के सापेक्ष क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण निकालना हो तो, <math>I_{xx}</math> (प्रायः <math>I_x</math> से निरूपित) की गणना कार्तीय निर्देशांक में इस प्रकार की जा सकती है:

<math>I_{x} = \iint_A y^2\, \mathrm dx\, \mathrm dy</math>

उदाहरण

Flaechentraegheitsmoment2.svg

क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण <math> I_p = I_y + I_z</math>, बशर्ते इसकी सन्दर्भ-अक्ष y-अक्ष अथा z-अक्ष के कटान बिन्दु से होकर जाये।

क्रमांक क्षेत्रफल y- और z-अक्ष के सापेक्ष
क्षेत्रफल का द्वितीय आघूर्ण
टिप्पणी
1: आयत <math>A = {b \cdot h } </math> <math>I_y = {b \cdot h^3 \over 12} = A \cdot \frac {h^2} {12}</math>

<math> I_z = {h \cdot b^3 \over 12} = A \cdot \frac {b^2} {12}</math>

वर्ग के लिये <math>b = h</math>
2:त्रिभुज <math>A = \frac {a \cdot h}{2}</math> <math>I_y = \frac {a \cdot h^3}{36} = \frac {A \cdot h^2}{18}</math>

<math>I_z = \frac {h \cdot a^3}{48} = \frac {A \cdot a^2}{24}</math>

त्रिभुज केवल z-अक्ष के प्रति सममित होता है।
3:वलय <math>A = \pi \cdot (R^2 - r^2) </math> <math>I_y = I_z = {\pi \over 4} \cdot (R^4 - r^4) = {A \over 4} \cdot (R^2 + r^2)</math> पूर्ण वृत्त के लिये <math>r = 0 </math>
4:दीर्घवृत्ताकार वलय <math>A = \pi \cdot (A \cdot B - a \cdot b)</math> <math>I_y = \frac {\pi}{4} \cdot (A \cdot B^3 - a \cdot b^3)</math>

<math>I_z = \frac {\pi}{4} \cdot (A^3 \cdot B - a^3 \cdot b) </math>

5: सममित समलम्ब चतुर्भुज <math>A = (b_1+b_2) \cdot \frac{h}{2}</math> <math>I_y = h^3 \cdot \frac {(b_1 + b_2)^2 + 2 \cdot b_1 \cdot b_2}{36 \cdot (b_1 + b_2)}</math>

<math>I_{z} = \frac {h}{48} \cdot (b_1 + b_2) \cdot (b_1^2 + b_2^2) </math>

6: सम n-भुज <math>A = \frac{n \cdot a^2}{4 \cdot \tan \frac{\pi}{n}} </math> <math>I_y = \frac {n}{96} \cdot a^4 \cdot \frac{2 + \cos \alpha}{(1 - \cos \alpha)^2} \cdot \sin \alpha</math> <math>I_y</math> सभी अक्षों के प्रति सममित है।
7: आयताकार फ्रेम <math>A = H \cdot B - h \cdot b</math> <math>I_{y} = \frac{1}{12} \cdot (B \cdot H^3 - b \cdot h^3) </math>

<math>I_{z} = \frac{1}{12} \cdot (B^3 \cdot H - b^3 \cdot h) </math> -(केवल चित्र 7 के लिये लागू ; अन्य सूत्र, चित्र 8 और 9 के लिये लागू होते हैं

8: आई-सेक्सन
9: C-सेक्शन


अन्य उदाहरण (इंजीनियरिंग विश्वकोश से)

इन्हें भी देखें