पीताम्बर

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पीताम्बर
पीताम्बर, पीताम्बरी
पीताम्बर, पीताम्बरी
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: पुष्पी पादप
गण: फेबल्स
कुल: फेबेसी
उपजाति: कैस्ल्पिनिओडी
वंश: सेना
लिनियस
सेना अलाटा

पाठ देखें

पीताम्बर (emperor's candlesticks,[१] candle bush,[२] candelabra bush, Christmas candles,[३] empress candle plant, ringworm shrub, or candletree) एक एकवर्षीय, झाड़ीदार, पुष्पीय पौधा है। इसकी २६० से अधिक जातियां हैं, जिन में से अधिकांश दक्षिणी अमेरिका मूल की हैं। मौजूदा वक्त में यह प्रजाति विभिन्न उष्ण-कटिबंधीय देशों में पायी जाती है, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, एशिया में यह पौधा आक्रामक विदेशी प्रजाति के रूप में जाना जाता है, उत्तर भारत की तराई में पीतांबर लखीमपुर जनपद के कस्ता गाँव में देखा गया, यह तराई में इसकी मौजूदगी का पहला वाकया है, जिसे दर्ज किया गया

पीताम्बर-कृष्ण पुष्प (पीतांबर भगवान कृष्ण का एक नाम)


पुष्प

पीताम्बर का पुष्प गुच्छ (बाली) ६ से २५ इंच तक लम्बी होती है, जिसमें कई पीले रंग के पुष्प लगे होते है, स्वर्ण की भाँति चमकीली बड़ी-बड़ी बालियों में लगे पुष्पों के कारण यह मानव समाज में आकर्षण का केंद्र बन गया, इस कारण इसे सजावटी पुष्पों की श्रेणी में भी रखा जाने लगा है

पीताम्बर पुष्प जो खीरी जनपद में मिला


आर्थिक महत्व

पीताम्बर का त्वचा रोग व् पेट के रोगों में विशेष महत्त्व है, ग्राम पाजटिव बैक्टीरिया एवं ई-कोलाई बैक्टीरिया पर इसका प्रभाव जांचा जा चुका है, कुष्ठ व् त्वचा के विभिन्न रोगों के अतिरिक्त यह पीतांबर यकृत व् भोजन-नाल से संबधित विभिन्न रोगों में लाभकारी है, संसार के विभिन्न जगहों पर कई समुदाय इसकी पत्तियों, पुष्प व् जड़, के रस को त्वचा रोगों व् पेट के रोगों में प्रयोग करते है





सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ