ज़रंज

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ज़रंज
Zaranj / زرنج

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सूचना
प्रांतदेश: नीमरूज़ प्रान्त, अफ़ग़ानिस्तान
जनसंख्या (२००४): ४९,८५१
मुख्य भाषा(एँ): बलोच, पश्तो, दरी फ़ारसी
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ईरान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा के नज़दीक ज़रंज-देलाराम राजमार्ग पर

ज़रंज (बलोच, पश्तो, फ़ारसी: زرنج‎, अंग्रेज़ी: Zaranj) दक्षिण-पश्चिमी अफ़ग़ानिस्तान के नीमरूज़ प्रान्त की राजधानी है। यह ईरान की सरहद के बहुत पास है और ईरान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर एक महत्वपूर्ण चौकी है। यह राजमार्गों द्वारा पूर्व में लश्कर गाह से, उत्तर में फ़राह से और पश्चिम में ईरान के ज़ाबोल नगर से जुड़ा हुआ है। भारत ने अफ़ग़ानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए ज़रंज से देलाराम के बीच एक राजमार्ग बनाया था।

इतिहास

ज़रंज एक प्राचीन शहर है जिसे पुरानी फ़ारसी भाषा में 'ज़्रंका' (Zranka) कहा जाता था जो कि आगे जाकर यूनानी भाषा में द्रांगियाना (Drangiana, Δραγγιανή) बन गया। इसके अलावा यह शहर ज़िर्रा, ज़रान्गिया और ज़रानी जैसे नामों से भी जाना गया है।[१][२] अरब भूगोलशास्त्रियों के अनुसार ज़रंज से पहले सीस्तान क्षेत्र की राजधानी राम शहरिस्तान नामक शहर हुआ करता था जहाँ हेलमंद नदी से एक नहर द्वारा पानी लाया जाता था। बाँध टूटने से यहाँ पानी आना बंद हो गया और स्थानीय नागरिक तीन दिन चलकर ज़रंज क्षेत्र में जा बसे।[३] इस्लाम आने के बाद यहाँ अरबों का क़ब्ज़ा हो गया लेकिन विद्रोहों ने उन्हें निकाल दिया। ६६१ ईसवी में वे इसपर फिर शासक बन गए। ९वीं सदी में ज़रंज सफ़्फ़ारी साम्राज्य की राजधानी बना।[४]

ज़रंज-देलाराम राजमार्ग

अफ़ग़ानिस्तान समुद्र को नहीं छूता और अपने व्यापार के लिए अधिकतर पाकिस्तान की बंदरगाहों पर निर्भर रहा है। इस निर्भरता को कम करने के लिए भारत ने विकास सहायता के अंतर्गत ज़रंज से फ़राह प्रांत के देलाराम शहर तक १३.५ करोड़ डॉलर की लागत से एक राजमार्ग बनाया, जिसे राजमार्ग ६०६ कहते हैं। ज़रंज ईरान के चाहबहार बंदरगाह से जुड़ा है जबकि देलाराम आगे अफ़ग़ानिस्तान के कंदहार, हेरात और बहुत से अन्य शहरों से जुड़ा है। अब अफ़ग़ानिस्तान भर से व्यापार ईरान और पाकिस्तान दोनों की बंदरगाहों से चल सकता है। तालिबान इस सड़क को बनने नहीं देना चाहता था और उसने इसपर काम करने वाले मज़दूरों और इंजिनीयरों पर हमले किये। २००९ में भारत ने २१७ किमी लम्बा यह राजमार्ग पूरा करके अफ़ग़ानिस्तान की सरकार को सौंप दिया।[५]

लोग

अफ़ग़ानिस्तान के ग्रामीण पुनर्निर्माण और विकास मंत्रालय, शरणार्थियों के संयुक्त राष्ट्र उच्च-कमीश्नर और अफ़ग़ानिस्तान के केन्द्रीय आँकड़ा कार्यालय के हिसाब से सन् २००४ में ज़रंज की आबादी ४९,८५१ थी। इनमें से ४४% बलोच समुदाय, ३४% पश्तून समुदाय और २२% ताजिक समुदाय के थे।[६]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. The Illustrated London News, Volume 249, Issue 2; Volume 249, Issues 6635-6648, Illustrated London News & Sketch Limited, 1966, ... It roughly corresponds to the Zranka of Darius I ... the city of which this is part with Zarin, the capital of Achaemenian Dragiana, mentioned by Ctesias ...
  2. Ten Thousand Miles in Persia: Or, Eight Years in Irán, Percy Sykes, pg. 363
  3. The Ain i Akbari, Abū al-Faz̤l ibn Mubārak, Henry Sullivan Jarrett, pp. 68, Asiatic Society of Bengal, 1894, ... Yakub-b-Leith as Saffar, founder of the Saffaride dynasty had a castle here. Ram Shahristan on the Helmand, was the capital before Zaranj but the river having changed its course and abandoned the town, the inhabitants left it and built Zaranj at a distance of 3 farsakh ...
  4. Ariana Antiqua: A Descriptive Account of the Antiquities and Coins of Afghanistan By Horace Hayman Wilson, pg. 154
  5. 7 Deadly Scenarios: A Military Futurist Explores the Changing Face of War in the 21st Century स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Andrew Krepinevich, pp. 294, Random House Digital, Inc., 2010, ISBN 978-0-553-38472-7, ... India's support also included funding for the Afghan Parliament building and for the Zaranj-Delaram road, which connects Zaranj at the Iranian border with Delaram on the ring road. The road is almost certainly viewed as a threat by Pakistan ...
  6. Zaranj स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Ministry of Rural Rehabilitation and Development, Government of Afghanistan, Accessed 2011-01-21