क्लोकिंग यंत्र
क्लोकिंग यंत्र या क्लोकिंग डिवाइस (साँचा:lang-en) एक काल्पनिक स्टेल्थ तकनिक है जिसके ज़रिए वस्तुएं जैसे की अंतरिक्षयान या मनुष्य को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम से अदृश्य बनाया जा सकता है।
ऐसे काल्पनिक यंत्रों का उपयोग कईं मिडिया व फ़िल्मों के कथानकों में किया गया है।
वि़ज्ञान शोधकार्यों में विकास के चलते यह साबित किया गया है कि वास्तविक जिवन में मौजुद क्लोकिंग यंत्र वस्तुओं को कम-से-कम एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम की एक वेवलेन्थ से छिपा सकते हैं। वैज्ञानिक पहले से ही मानव निर्मित मेटामटेरियल से रौशनी को किसी वस्तू के इर्द-गिर्द मोड सकते है।[१]
विचार की उत्पत्ती
1958 की फ़िल्म रन सायलंट, रन डीप से प्रेरित होकर स्टार ट्रेक के कथानककार पॉल श्नाइडर ने ऐसे यंत्र की कल्पना की जो किसी वस्तू को अंतरिक्ष में अदृश्य बना सके ठिक वैसे ही जैसे एक पनडुब्बी पानी में अदृश्य हो जाती है और अपने इस विचार को उन्होने 1996 में बने एपिसोड "बैलेंस ऑफ़ टेरर" में उपयोग किया। स्टार ट्रेक के एक अन्य लेखक डि.सी फ़ॉन्टाना ने क्लोकिंग डिवाइस नाम 1968 में बने एपिसोड "द इंटरप्राइज़ इंसिडन्ट" में उपयोग किया।
इसके बाद से कईं लेखकों व गेम निर्माताओं ने क्लोकिंग यंत्रों को अपने कार्यों में उपयोग किया है जिनमें, डॉक्टर हू, स्टार वॉर्स, स्टारगेट, टीम फ़ॉर्ट्रेस 2, प्रिडेटर, मेटल गेयर सॉलिड, हेलो: कॉम्बैट इवॉल्वड और स्टारक्राफ़्ट शामिल है।
वैज्ञानिक प्रयोग
एक कार्यरत क्लोकिंग यंत्र आजकल स्टेल्थ विमानों में प्रयोग किया जाता है जिसमें की रडार-शोषित करने वाला काला रंग, ऑप्टिकल कैमोफ़्लाज, बाहरी अंगों को ठंडा करना जिससे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक निकास कम हो जाता है (खास कर इन्फ़्रारेड) और अन्य ऐसी तकनिकें जिनसे वस्तु की अन्य चिज़ें छिपाई जा सकती है।[२]
मेटामटेरियल संशोधनकार्य
ऑप्टिकल मेटामटेरियल को कईं अदृष्य करने की योजनाओं में उपयोग किया जाता है। "मेटामटेरियल" वे वस्तुएं है जो रौशनी को मोडने के गुण अपने बनावट के कारण दर्शाते है ना की जिन चिज़ों से वे बने है।
सन्दर्भ
- ↑ इशू 3(अगस्त 2008) आफ़ डिस्कवरी चैनल मैगज़ीन, गोइंग वेअर नो वन हैस गॉन बोफ़ोर, गैरी स्लेज़,ISSN 1793572-5
- ↑ साँचा:cite journal