स्टेल्थ तकनीक

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एफ़-117 स्टेल्थ लड़ाकू विमान

स्टेल्थ तकनीक (साँचा:lang-en) या जिसे एलओ तकनीक (साँचा:lang-en) भी कहते हैं, सैन्य योजनाओं का एक प्रकार है[१] जिसमे व्यक्तियों, विमानों, जहाजों, पनडुब्बियों और क्षेप्नास्त्रों को कई तकनीकों का उपयोग करके उन्हें रडार, इन्फ्रारेड, सोनार और अन्य पकड़ने वाले तरीकों से लगभग अदृश्य बनाया जाता है।[२]

इसका विकास कार्य अमेरिका में १९५८ में हुआ[३][४] जहां यु2 टोही विमानों को शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के रडारों पर न दिखने के प्रयास असफल रहे।[५]

सन्दर्भ

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  1. साँचा:cite journal
  2. साँचा:cite journal
  3. साँचा:cite web
  4. Merlin, P.W. "Design and Development of the Blackbird: Challenges and Lessons Learned स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।" American Institute of Aeronautics and Astronautics स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। 47th AIAA Aerospace Sciences Meeting Including The New Horizons Forum and Aerospace Exposition 5–8 जनवरी 2009, Orlando, Florida. Accessed 2009-10-06.
  5. Cadirci, S. "RF Stealth (or Low Observable) and Counter- RF Stealth Technologies: Implications of Counter- RF Stealth Solutions for Turkish Air Force स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।." Naval Postgraduate School, Monterey California, Ph.D. Thesis. March 2009. Accessed 6 अक्टूबर 2009.