चमकौर का युद्ध

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मुग़ल-सिख युद्ध का भाग
तिथि 6 दिसंबर 1704
स्थान चमकौर, पंजाब
परिणाम सिखों की विजय
योद्धा
साँचा:flag Punjab flag.svgखालसा
सेनानायक
Fictional flag of the Mughal Empire.svg वज़ीर खान Punjab flag.svg गुरु गोबिन्द सिंह
शक्ति/क्षमता
1000000 42
मृत्यु एवं हानि
लगभग सभी साँचा:cn 36साँचा:cn

चमकौर का युद्ध 1704 में 21, 22, और 23 दिसम्बर को गुरु गोविंद सिंह और मुगलों की सेना के बीच पंजाब के चमकौर में लड़ा गया था। गुरु गोबिंद सिंह जी 20 दिसम्बर की रात आनंद पुर साहिब छोड़ कर 21 दिसम्बर की शाम को चमकौर पहुंचे थे, और उनके पीछे मुगलों की एक विशाल सेना जिसका नेतृत्व वजीर खां कर रहा था, भी 22 दिसम्बर की सुबह तक चमकौर पहुँच गयी थी। वजीर खां गुरु गोबिंद सिंह को जीवित या मृत पकड़ना चाहता था। चमकौर के इस युद्ध में गुरु गोबिंद सिंह की सेना में केवल उनके दो बड़े साहिबजादे अजीत सिंह एवं जुझार सिंह और 40 अन्य सिंह थे। इन 43 लोगों ने मिलकर ही वजीर खां की आधी से ज्यादा सेना का विनाश कर दिया था।

वजीर खान गुरु गोविंद सिंह को पकड़ने में असफल रहा, लेकिन इस युद्ध में गुरु जी के दो पुत्रों साहिबज़ादा अजीत सिंहसाहिबज़ादा जुझार सिंह और 40 सिंह भी शहीद हो गए। गुरु गोविंद सिंह ने इस युद्ध का वर्णन ज़फ़रनामा में किया है। उन्होंने बताया है कि जब वे सरसा नदी को पार कर चमकौर पहुंचे तो किस तरह मुगलों ने उन पर हमला किया।

छोटे बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह द्वारा इस्लाम कबूल नहीं करने पर उनको जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया

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